मास्को : वे भले ही स्टेडियम में पहुंचकर विश्व कप फाइनल नहीं देख पाएंगे लेकिन थाईलैंड में बाढ़ग्रस्त गुफा से बचाये बच्चों को शीर्ष फुटबॉलरों ने ‘ नायक ‘ करार दिया है.
‘वाइल्ड बोर्स टीम ‘ के इन युवा फुटबॉलरों के दो सप्ताह तक गुफा में फंसे रहने के बाद मंगलवार को सुरक्षित बाहर निकाले जाने पर फुटबॉल जगत ने भी राहत की सांस ली. पॉल पोग्बा ने तो फ्रांस की बेल्जियम के खिलाफ सेमीफाइनल में जीत को इन बच्चों को समर्पित किया.
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थाइलैंड : गुफा में फंसे बच्चों को निकालने के लिए ऐसे दिया गया ऑपरेशन को अंजाम
पोग्बा ने ट्विटर पर बच्चों की फोटो डालकर लिखा ,यह जीत आज के नायकों को समर्पित. शाबाश लड़कों. तुम बहुत मजबूत हो. इंग्लैंड के डिफेंडर काइल वाकर ने क्रोएशिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले बच्चों के सुरक्षित बाहर निकलने पर खुशी जतायी और उन्हें फुटबॉल शर्ट भेजने की पेशकश की.
#WATCH First video of the boys who were rescued from Tham Luang cave complex yesterday, in hospital (Source: Thai government) pic.twitter.com/xCqPuT6AOt
— ANI (@ANI) July 11, 2018
वाकर ने ट्वीट किया , बहुत अच्छी खबर है कि थाईलैंड के सभी बच्चों को गुफा से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. मैं उन्हें शर्ट भेजना चाहूंगा. क्या कोई उनका पता मुहैया कराने में मदद कर सकता है. कुल 12 बच्चे और उनका 25 वर्षीय कोच 23 जून को फुटबॉल अभ्यास के बाद गुफा के अंदर चले गये थे लेकिन बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण वे बाहर नहीं निकल पाये थे.आखिर में विभिन्न देशों के नेवी सील ने उन्हें बाहर निकाला. फुटबॉल की विश्व संस्था फीफा ने इन बच्चों को 15 जुलाई को फाइनल मैच देखने का न्यौता दिया था. लेकिन फीफा ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि चिकित्सा कारणों से बच्चे मास्को की यात्रा करने की स्थिति में नहीं हैं.
#WATCH First video of the boys who were rescued from Tham Luang cave complex yesterday, wave & smile from their hospital beds (Source: Thai government) pic.twitter.com/dk9DMbb1i9
— ANI (@ANI) July 11, 2018
इन बच्चों का अभी इलाज चल रहा है. वे हालांकि ओल्ड ट्रैफर्ड का दौरा कर सकते हैं क्योंकि मैनचेस्टर यूनाईटेड ने उन्हें इस सत्र में अपने घरेलू मैदान पर मैच देखने का न्यौता दिया है. बार्सिलोना ने भी इन बच्चों को अगले साल बार्सा अकादमी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट और एक घरेलू मैच के लिये आमंत्रित किया है. इससे पहले जापान विश्व कप टीम , लिवरपूल के कोच जर्गेन क्लॉप और क्रोएशिया फुटबाल महासंघ ने भी बच्चों की मदद की पेशकश की थी.
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