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भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी डोप टेस्‍ट में विफल, लग सकता है 4 साल का प्रतिबंध

नयी दिल्ली : भारत के शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी देविंदर सिंह कांग को एथलेटिक्स की वैश्विक संस्था (आईएएएफ) ने पिछले साल नवंबर में प्रतियोगिता के इतर परीक्षण में एनाबोलिक स्टेरायड के लिए पाजीटिव पाए जाने पर अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया है. कांग का डोप नमूना पिछले साल से काम शुरू करने वाली आईएएएफ […]

नयी दिल्ली : भारत के शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ी देविंदर सिंह कांग को एथलेटिक्स की वैश्विक संस्था (आईएएएफ) ने पिछले साल नवंबर में प्रतियोगिता के इतर परीक्षण में एनाबोलिक स्टेरायड के लिए पाजीटिव पाए जाने पर अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया है.

कांग का डोप नमूना पिछले साल से काम शुरू करने वाली आईएएएफ की नयी डोपिंग रोधी संस्था एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) ने पटियाला में 10 नवंबर को लिया था. इस 29 वर्षीय खिलाड़ी के नमूने में एनाबोलिक स्टेरायड मिला है और कांग पर अब चार साल के प्रतिबंध का खतरा मंडरा रहा है.

अगर ऐसा होता है तो उनका करियर लगभग खत्म हो जाएगा. एआईयू अधिकारियों ने कांग का परीक्षण उनके द्वारा वाडा संहिता के ‘रहने के स्थान’ संबंधी नियम के तहत मुहैया कराये समय पर किया था, क्योंकि वह उन पांच भारतीय एथलीटों में शामिल हैं जिन्हें आईएएएफ के पंजीकृत परीक्षण पूल में रखा गया है.

आईएएएफ ने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ को मंगलवार को ही कांग के डोप में विफल रहने की सूचना दे दी थी और उनका नाम तुरंत ही एनआईएस पटियाला में हुई भारतीय ग्रां प्री की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा के शुरुआती लाइन अप से हटा दिया गया. एएफआई ने उन्हें एनआईएस पटियाला में चल रहे राष्ट्रीय शिविर से जाने से कहा है.

यह पहली बार है जब कोई भारतीय एथलीट एआईयू के परीक्षण में पाजीटिव पाया गया है. एआईयू ने पिछले साल अप्रैल में काम करना शुरू किया था। रूसी डोपिंग प्रकरण के कारण एआईयू को एथलेटिक्स की स्वतंत्र डोपिंग रोधी संस्था के रूप में स्थापित किया गया था.

एएफआई के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, एआईयू के लोग 10 नवंबर को पटियाला आए और उसके नमूने लिए और इसमें एनाबोलिक स्टेरायड पाया गया. खिलाड़ी ने अपने रहने के स्थान संबंधी जानकारी में उस दिन (चार दिन पहले) सुबह 10 से 11 बजे का समय दिया था. डोप नतीजा कुछ दिन पहले आया और उसे अस्थाई रूप से निलंबित किया गया है.

उन्होंने कहा, परीक्षण एनडीटीएल में किया गया और अगर वह बी नमूने का परीक्षण चाहता है तो इसके लिए समय सीमा अगले महीने के पहले हफ्ते के किसी दिन तक होनी चाहिए. परीक्षण भले ही आईएएएफ ने कराया हो लेकिन मुझे लगता है कि नाडा का अनुशासन पैनल इस मामले की सुनवाई करेगा.

कांग को अब ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चार से 15 अप्रैल तक होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की भारतीय टीम में जगह नहीं मिलना लगभग तय ही जिसकी टीम नौ मार्च को घोषित होगी. पिछले साल पंजाब के इस एथलीट को गांजा के लिए पॉजीटिव पाया गया था जिसके अंश उनके मूत्र नमूने में मिले थे. यह नमूना राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के अधिकारियों ने 15 मई को यहां हुई इंडियन ग्रां प्री के दौरान लिया था.

इस साल राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में पदक के दावेदार कांग को उस समय नाडा ने निलंबित नहीं किया था क्योंकि गांजा विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी की शक्तिवर्धक दवाओं की प्रतिबंधित सूची में ‘विशिष्ट पदार्थ’ की सूची में है.

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