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फीफा अंडर-17 विश्व कप : विश्व को मिलेगा आज नया चैंपियन

फीफा अंडर-17 विश्व कप : सॉल्टलेक स्टेडियम में इंग्लैड और स्पेन के बीच रात आठ बजे होगा खिताबी मुकाबला कोलकाता : यूरोप की दो टीमें इंग्लैंड और स्पेन के बीच कल यहां होने वाले फीफा अंडर-17 विश्व कप के फाइनल में बेहद दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है जिसमें इस जूनियर फुटबाॅल टूर्नामेंट में एक […]

फीफा अंडर-17 विश्व कप : सॉल्टलेक स्टेडियम में इंग्लैड और स्पेन के बीच रात आठ बजे होगा खिताबी मुकाबला

कोलकाता : यूरोप की दो टीमें इंग्लैंड और स्पेन के बीच कल यहां होने वाले फीफा अंडर-17 विश्व कप के फाइनल में बेहद दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है जिसमें इस जूनियर फुटबाॅल टूर्नामेंट में एक नया विजेता भी सामने आयेगा.

यह पहला अवसर है जबकि यूरोप की दो टीमें फाइनल में एक दूसरे से भिड़ेंगी. इस दौरान टूर्नामेंट में स्टेडियम में पहुंचने वाले दर्शकों की संख्या का नया रिकाॅर्ड बनना भी तय है. बेहद कडे और रोमांचक फुटबाॅल के तीन सप्ताह के बाद केवल इंग्लैंड और स्पेन ही अब खिताब की दौड़ में बचे हुए हैं और दोनों टीमें 66 हजार दर्शकों की क्षमता वाले साल्टलेक स्टेडियम में अपना पहला खिताब जीतने के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. टूर्नामेंट की दो सबसे आक्रामक टीमें जब आमने सामने होंगी तो परीक्षा रक्षापंक्ति की होगी.

इंग्लैंड ने अब तक टूर्नामेंट में 18 और स्पेन ने 15 गोल किये हैं. इंग्लैंड चौथी बार इस टूर्नामेंट में खेल रहा है लेकिन वह पहली बार फाइनल में पहुंचा है जबकि स्पेन इससे पहले 1991, 2003 और 2007 में उप विजेता रहा था.

यह मई में क्रोएशिया में यूरोपीय अंडर-17 चैंपियनशिप मैच की पुनरावृत्ति होगी जब स्पेन ने पेनल्टी शूटआउट में जीत दर्ज की थी. इंग्लैंड अब उसका बदला लेने की कोशिश करेगा. इंग्लैंड अगर जीत दर्ज करता है तो यह उनकी जूनियर टीमों के लिये शानदार वर्ष होगा क्योंकि उसकी अंडर-20 टीम ने साल के शुरु में कोरिया में अंडर-20 विश्व कप जीता था जबकि अंडर-19 टीम यूरोपीय चैंपियन थी. फीफा ने सोयी हुई शक्ति को जगाने के लिये दिसंबर 2013 में भारत को अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी सौंपी थी और यहां दर्शकों की संख्या की लिहाज से नया रिकाॅर्ड बन गया.

अब जबकि दो मैच, तीसरे स्थान का प्लेआॅफ और फाइनल, बचा हुआ है तब दर्शकों का नया रिकाॅर्ड बनना तय है.. इसमें अब तक 50 मैचों में 170 गोल दागे जा चुके हैं और अब वह संयुक्त अरब अमीरात में 2013 में खेले गये टूर्नामेंट के 172 गोल के रिकाॅर्ड से केवल दो गोल पीछे है. अगले दो मैचों में केवल तीन गोल से यह 2007 में 24 टीम के प्रारुप बनने के बाद सर्वश्रेष्ठ गोल औसत वाला टूर्नामेंट भी बन जायेगा. इससे पहले इसमें 16 टीमें भाग लेती थी.

अगर फार्म की बात करें तो दोनों टीमों में बहुत कम अंतर है. इंग्लैंड थोडा मजबूत दावेदार के रुप में शुरुआत करेगा क्योंकि उसने टूर्नामेंट से पूर्व खिताब के प्रबल दावेदार ब्राजील को हराकर फाइनल में जगह बनायी. उसने अपने छह मैचों में से एक को छोड़कर बाकी सभी मैच इसी स्टेडियम में खेले हैं.

यूरोपीय फाइनल में इंग्लैंड ने खिताब लगभग अपने नाम कर दिया था लेकिन स्पेन ने इंजुरी टाइम में आखिरी मौके पर गोल करके स्कोर बराबर किया और फिर पेनल्टी शूटआउट में 4-1 से जीत दर्ज की.

दोनों टीमें लंबे समय तक गेंद पर कब्जा रखने में माहिर है लेकिन अपनी टिक टिका शैली के लिये मशहूर स्पेन ने निसंदेह अधिक समय तक गेंद अपने पास रखी है और पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने ऐसा खेल दिखाया है. इंग्लैंड के स्टार स्ट्राइकर रियान ब्रेवस्टर ओर स्पेन के कप्तान अबेल रुईज के बीच व्यक्तिगत मुकाबला भी देखने

को मिलेगा. इन दोनों ने अपने एकल प्रयासों से अपनी टीमों को फाइनल में पहुंचाया.

फाइनल में जुटेंगे रिकॉड दर्शक

अब तक खेले गये 50 मैचों में 1,224,027 दर्शक मौजूद रहे और नया रिकाॅर्ड बनाने के लिये इन दो मैचों में केवल 6949 दर्शकों की जरूरत पड़ेगी. पिछला रिकाॅर्ड 1985 में चीन में खेले गये पहले टूर्नामेंट में बना था. तब 1,230,976 दर्शकों ने स्टेडियम में पहुंच कर मैच देखा था. कोलकाता के दर्शकों का ब्राजील और माली के बीच तीसरे स्थान के मैच के लिये भी बडी संख्या में पहुंचने की उम्मीद है और ऐसे में इसके सर्वाधिक दर्शकों वाला फीफा अंडर-17 या अंडर-20 टूर्नामेंट बनना तय है. कोलंबिया में 2011 में खेले गये फीफा अंडर-20 विश्व कप टूर्नामेंट में रिकार्ड 13,09,929 दर्शक स्टेडियम में पहुंचे थे और यहां उसका रिकार्ड टूटने वाला है.

अब तक अजेय रहा है इंग्लैंड

इंग्लैंड टूर्नामेंट की एकमात्र अजेय टीम है जबकि स्पेन टूर्नामेंट में अपने शुरुआती मैच में ब्राजील से हार गया था. इंग्लैंड को केवल जापान के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा था जब उसकी टीम प्री क्वार्टर फाइनल में नियमित समय में जीत दर्ज नहीं कर पायी थी और उसने पेनल्टी शूटआउट में जीत हासिल की थी. स्पेन और इंग्लैंड अब तक अंडर-17 यूरोपीय चैंपियनशिप के फाइनल में तीन बार भिड़ चुके हैं.

स्पेन की टीम ने 2007 में जीत दर्ज की थी जबकि इसके तीन साल बाद इंग्लैंड ने बदला चुकता कर दिया था. स्पेन ने इस साल मई में रोमांचक मुकाबले में फिर से अपने इस प्रतिद्वंद्वी को हराया था.

जीत से अभियान का अंत करने उतरेंगे ब्राजील और माली

अपने चौथे खिताब की दौड़ से सेमीफाइनल में बाहर होने के बाद ब्राजील अब फीफा अंडर-17 विश्व कप के शनिवार को यहां होनेवाले तीसरे स्थान के प्लेऑफ मैच में माली के खिलाफ जीत दर्ज करके अपने अभियान का अंत करना चाहेगा. सेमीफाइनल में हार के बाद अब दांव पर कुछ खास नहीं लगा है और ऐसे में दोनों टीमें स्वच्छंद होकर मैदान पर उतरेंगी और अधिक-से-अधिक गोल करके जीत के साथ भारत को अलविदा कहना चाहेंगी.ब्राजील की नैसर्गिक फुटबॉल और अफ्रीकी टीम की ताकत और तेजी के बीच मुकाबला रोमांचक होने की संभावना है.

छाप छोड़ने को तैयार युवा सितारे

गुरप्रीत सिंह संधू

कोलकाता में शनिवार को इंग्लैंड और स्पेन की टीमें फीफा अंडर-17 विश्व कप फाइनल में आमने-सामने होंगी, तो भविष्य के युवा सितारे छाप छोड़ने को तैयार होंगे. इन खिलाड़ियों ने अपनी उम्र से अधिक परिपक्वता दिखायी है.

बड़े क्लबों और विदेश में ट्रेनिंग से मिले अनुभव की वजह से विकसित हुई उनकी जबरदस्त क्षमता से कोई भी चकित रह सकता है, और वह भी महज 17 साल की उम्र में. इंग्लैंड की टीम बेहद मजबूत दिख रही है, खास कर आक्रमण में विविधता के कारण उसे रोकना बहुत मुश्किल है. मुझे लगता है कि यह टीम स्पेन के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है. इंग्लैंड के खिलाड़ी तेज हैं और किसी भी डिफेंस को भेद सकते हैं, उसे असहज कर सकते हैं. और ये खिलाड़ी किसी भी अन्य टीम की तुलना में दायें और बायें दोनों फ्लैंक्स का बेहतरीन तरीके से उपयोग करते हैं. हालांकि तकनीकी रूप से मुझे लगता है कि स्पेन की टीम बेहतर है.

4-2-3-1 की पोजीशन के साथ वे शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और लगता नहीं कि वे इस रणनीति में बदलाव करेंगे. जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ता गया, वे हर मैच के साथ और बेहतर होते गये. स्पेन की टीम को आक्रामण करना पसंद है, लेकिन हो सकता है कि वे थोड़ा रक्षात्मक रहते हुए इस बड़े मुकाबले की शुरुआत करें. इस टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो तेज हैं और मिडफील्ड में गेंद झपटने में माहिर भी. (टीसीएम)

स्ट्राइकरों पर अधिक निर्भर दोनों टीमें

सुनील छेत्री

सभी इस ग्रैंड फाइनल का इंतजार कर रहे थे. इतिहास हमेशा विजेताओं को याद रखता है. भले ही उप विजेता जीत के कितनी ही करीब हो, लेकिन फीफा अंडर-17 विश्व कप की विजेता कोई एक ही टीम होगी. मुकाबला अब इंग्लैंड और स्पेन के बीच है. पीछे की ओर देखें, तो हमने भले ही टूर्नामेंट में कितना ही शानदार प्रदर्शन क्यों न देखा हो, यह कहना ही होगा कि दो सर्वश्रेष्ठ टीमों ने फाइनल में प्रवेश किया है.

इंग्लैंड ने साबित किया है कि वे बहुत ही अच्छी टीम है. उनके पास चतुर मिडफील्डर और फ्रंट पर शानदार ‌फिनिशर हैं. इन सबसे बढ़ कर यह टीम बहुत संतुलित और सुगठित है, जो किसी भी टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में सबसे अहम बात होती है. उनकी रणनीति सीधी होगी कि किसी भी तरह स्पेन के आक्रमण को रोकना है. मुझे लगता है कि यह फाइनल मिडफील्ड में जीता जायेगा, क्योंकि दोनों ही टीमें अपने स्ट्राइकरों पर अधिक निर्भर है.

ऐसे में, जबकि कोई टीम स्ट्राइकरों पर अधिक निर्भर रहती है, मिडफील्डरों की भूमिका अहम हो जाती है. यही जीत की कुंजी है और जीत का राज भी. जहां तक बात स्पेन की है तो जैसा कि हमने माली के खिलाफ देखा, यह टीम चीजों को आसान रखती है. स्पेन की गिनती शारीरिक रूप से बहुत मजबूत टीमों में नहीं होती, लेकिन वे तेजी से पास देते हैं और बहुत कम समय में खेल को आगे बढ़ा देते हैं.

(टीसीएम)

फीफा विश्व कप: इनामी राशि 400 िमलियन डॉलर हुई

कोलकाता : अगले वर्ष रूस में होनेवाले फीफा विश्वकप में भाग लेनेवाली टीमों की प्राइज मनी 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर कर दी गयी है. फीफा काउंसिल की महानगर में शुक्रवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.

यह 2014 के विश्वकप के 358 मिलियन अमेरिकी डॉलर से 12 फीसदी अधिक है. फीफा काउंसिल ने गत वर्ष छह सितंबर को काउंसिल के ब्यूरो द्वारा लिए गये फैसले की भी पुष्टि करते हुए 2026 फीफा विश्व कप के लिए बोली के नियमों को मंजूर किया. साथ ही बोली मूल्यांकन टास्क फोर्स के सदस्यों को भी नियुक्त किया. बोली के नियमों के मुताबिक टास्क फोर्स ऑडिट एंड कंप्लाएंस कमेटीऔर गवर्नेंस कमेटी के चेयरपर्सन से गठित होनी चाहिए. लिहाजा टोमाज वेसेल और मुकुल मुदगल को यह जिम्मेदारी मिली है. साथ ही टास्क फोर्स में ऑर्गनाइजिंग कमेटी फॉर कंपीटीशंस के सदस्य भी होने चाहिए. इसके तहत इको ग्जोर्जियोस्की को नियुक्त किया गया है.

साथ ही प्रशासन के विशेषज्ञ के तौर पर सेक्रेटरी जनरल ज्वोनीमीर बोबन (फुटबॉल) तथा मार्को वीलिजेर (प्रशासन) को नियुक्त किया गया. महानगर में हुई बैठक में फीफा काउंसिल ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिये. इनमें फीफा के सामाजिक विकास प्रयासों को संस्थानगत तथा ठोस कानूनी आधार मुहैया करने के लिए फीफा फाउंडेशन के गठन की मंजूरी हुई. फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य फीफा किंवदंतियों को फीफा के सामाजिक विकास के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना शामिल है. अगले वर्ष की पहली तिमाही में फीफा फाउंडेशन कार्य करना शुरू कर देगा.

फीफा अंडर 17 विश्वकप ने हासिल की शानदार सफलता

फीफा के अध्यक्ष जियान्नी इनफैनटीनो ने फीफा अंडर 17 विश्व कप भारत 2017 को शानदार तौर पर सफल करार देते हुए कहा कि इसने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये. उन्होंने कहा कि जब अंडर 17 विश्व कप भारत को आवंटित किया गया था तब वह फीफा का हिस्सा नहीं थे. लेकिन अब वह कह सकते हैं कि 1985 में चीन में अंडर 17 विश्व कप के दर्शकों के रिकॉर्ड को यह तोड़ने के लिए तैयार है.

उन्हें यह भी लगता है कि कोलंबिया में अंडर 20 विश्व कप के दर्शकों के रिकॉर्ड को भी यहां तोड़ दिया जायेगा. उनका कहना था कि भारत एक देश नहीं बल्कि एक महादेश है. एआइएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के साथ संवाददाताओं से बातचीत में फीफा अध्यक्ष ने कहा कि वह श्री पटेल तथा एआइएफएफ को धन्यवाद देना चाहते हैं.

इजराइली क्लबों के खिलाफ फीफा नहीं उठायेगा कोई कदम

फीफा, इजराइल के खिलाफ वेस्ट बैंक में उसकी फुटबॉल की गतिविधियों की शिकायत के संबंध में कोई कदम नहीं उठायेगा. फीफा काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे को एजेंडे से हटाया गया तथा यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशंस के अध्यक्ष एलेक्जेंडर सेफेरीन ने इजराइली सॉकर संघ के प्रमुख ओफेर ऐइनी को इस फैसले की जानकारी भी दे दी.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक फीफा इस मुद्दे को राजनीतिक मानता है इसलिए उसने इसमें मध्यस्थता न करने का फैसला किया है. ऐइनी ने इस कदम को इजराइल के लिए बड़ी जीत बताया साथ ही फीफा के फैसले को सही और बहादुरी भरा करार दिया. उल्लेखनीय है कि फीलीस्तीन फुटबॉल एसोसिएशन ने छह इजराइली क्लबों की गतिविधियों के खिलाफ शिकायत की थी.

फाइनल मैच से पहले इंग्लैंड टीम ने किया जमकर अभ्यास

फाइनल के लिए इंग्लैंड ने शुक्रवार को जमकर अभ्यास किया. विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन में टीम के अभ्यास पर कोच स्टीव कूपर की कड़ी नजर दिख रही थी. टीम के अभ्यास को स्टैंड में रखे हाई कैमरे से से रिकॉर्ड किया जा रहा था.

बाद में उसे कंप्यूटर पर एनालाइज कर खिलाड़ियों को उनकी गलतियों के बारे में समझाया जा रहा था. दोनों ही टीमें पासिंग फुटबॉल के लिए जानी जाती हैं. हालांकि स्पेन को इस शैली में दिग्गज माना जाता है.

उसके खिलाड़ी बेहद आत्मविश्वास के साथ पासिंग फुटबॉल खेलते हैं. इंग्लैंड के खिलाड़ियों को मैच पर अपनी पकड़ बनाने के लिए अपनी गति और चतुराई दोनों का ही इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ेगी. इधर महानगर में स्पेन के समर्थन में सडर सट्रीट का इलाका दिख रहा था.

Prabhat Khabar Digital Desk
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