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….जब जान जोखिम में डाल मैच देखने पहुंचे 8000 दर्शक

शहर वासियों के ऊपर फुटबॉल का खुमार सिर चढ़ कर बोल रहा है. बुधवार को कीनन स्टेडियम में टीएफए और टाटा स्टील के बीच खेले गये प्रीमियर डिवीजन मुकाबले में दर्शकों की दीवानगी अपने चरम पर रही. लगभग आठ हजार फुटबॉल प्रेमी कीनन पहुंचे और फुटबॉल का मजा लिया. मरम्मत की बाट जोह रही कीनन […]

शहर वासियों के ऊपर फुटबॉल का खुमार सिर चढ़ कर बोल रहा है. बुधवार को कीनन स्टेडियम में टीएफए और टाटा स्टील के बीच खेले गये प्रीमियर डिवीजन मुकाबले में दर्शकों की दीवानगी अपने चरम पर रही. लगभग आठ हजार फुटबॉल प्रेमी कीनन पहुंचे और फुटबॉल का मजा लिया. मरम्मत की बाट जोह रही कीनन की अधिकतर गैलरी अनसेफ घोषित है.

बुधवार को फुटबॉल प्रेमियों की संख्या अधिक होने के कारण सेफ गैलरी दर्शकों से खचाखच भर गया. बाकी बचे दर्शक मैच देखने के लिए कीनन के नौरोजी पवेलियन और पुराने पवेलियन की छत पर चढ़ गये. दर्शकों की यह लापरवाही बड़े हादसे को दावत दे रही है. नौरोजी पवेलियन की छत अनसेफ जोन में है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. पुराने पवेलियन की छत पर भी दर्शक चढ़ जा रहे हैं जिससे टिन की बनी छत अधिक दबाव से गिर सकती है. उल्लेखनीय है कि कीनन की गैलरी अनसेफ घोषित करते हुए वहां से ग्राउंड मैन के परिवार को भी हटने का अलटीमेटम दिया गया है.

वर्ष 2006 के बाद से बदतर होता चला गया कीनन

शहर के ऐतिहासिक कीनन स्टेडियम के विस्तार के लिए टाटा स्टील ब्रंधन और जेएससीए के बीच पिछले वर्ष कई दौर की बातचीत हुई थी. सबलीज मिलने की शर्त पर झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) ने कीनन के जीर्णोद्धार के लिए हामी भर दी है. उस पहल के एक साल गुजरने के बाद भी कीनन स्टेडियम का हाल उसी तरह खस्ता है. किसी तरह का कोई काम शुरू नहीं हुआ. सबलीज पर भी कोई हल नहीं निकला था.

ओल्ड पैवेलियन वाले हिस्से में होना है विस्तार

सूत्रों के मुताबिक कीनन का विस्तार भी होना है. टाटा ग्रुप द्वारा आइएसएल में टीम उतारने और बीसीसीआइ में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के बाद कीनन का मसला थोड़ा और फीका पड़ गया है.

टाटा प्रबंध इस फिराक में है कि लोढ़ा कमेटी को लेकर मसला हल हो तो ही कीनन की बात आगे बढ़ेगी. क्योंकि सबलीज कितने वर्ष का होगा यह बात नयी जेएससीए कमेटी के आने बाद ही तय हो पायेगा. स्टेडियम के ओल्ड पैवेलियन वाले हिस्से का विस्तार किया जाना है. साथ ही स्टेडियम की गैलरी और मीडिया बॉक्स को भी बनाना है. कीनन के एक हिस्से में जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, दूसरी ओर बैडमिंटन सेंटर तथा मोहन आहूजा इंडोर स्टेडियम तथा पूर्वी हिस्से में स्ट्रेट माइल रोड हैं. यहां कुछ भी करना संभव नहीं है. इसलिए ओल्ड पैवेलियन के बाहर सड़क तक कीनन के विस्तार पर जेएससीए और टाटा स्टील प्रबंधन द्वारा सहमति बनी थी.

टाटा स्टील और टीएफए के बीच खेले गये मैच के दौरान अनुमान से अधिक दर्शक मैदान में आ गये थे. दर्शक सुरक्षा की अनदेखी करते हुए स्टेडियम के छत पर चढ़ गये जो बेहद चिंताजनक है. अगली बार जेएसए कमेटी और टाटा स्टील खेल विभाग दर्शकों की इन हरकतों पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश करेगा. स्टेडियम में हर जगह पर अनसेफ जोन के बोर्ड लगाये गये हैं. जिसकी दर्शक अनदेखी कर रहे हैं.

-अमरेश सिन्हा,सीनियर मैनजेर,टाटा स्टील कॉरपोरेट सर्विसेज

2006 में हुआ था अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच

कीनन में अंतिम बार 2006 में भारत व इंग्लैंड के बीच वनडे मुकाबला हुआ था. इसके बाद कीनन में कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हो सका है. साथ ही कीनन की स्थिति दिन पर दिन खराब होती चली गयी. यहां पर रणजी ट्रॉफी व बीसीसीआइ के कई घरेलू मुकाबले तो खेले गये. 1939 में बने कीनन स्टेडियम की स्थिति टाटा स्टील व जेएससीए की मूंछ की लड़ाई में बद से बदतर हो गयी. आज आलम यह है कि कीनन स्टेडियम अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है.

कीनन में 1893 भारत वेस्टइंडीज, 1984 में भारत व ऑस्ट्रेलिया, 1987 में भारत वपाकिस्तान, 1993 में इंग्लैंड व भारत, 1995 में भारत न्यूजीलैंड, 1999 में पाकिस्तान व श्रीलंका, 2000 में भारत व साउथ अफ्रीका, 2002 में भारत व पाकिस्तान, 2005 में भारत पाकिस्तान व 2006 में भारत व इंग्लैंड के बीच दस वनडे मुकाबले खेले जा चुके हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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