Why Rahul Dravid quits Rajasthan Royals: आईपीएल 2025 के दौरान ही राजस्थान रॉयल्स में कुछ विवादों के सुर दिखाई दे रहे थे. कुछ मैचों के बाद संजू सैमसन नाराज से दिखाई दिए. हालांकि उस समय टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने मामले को सुलझा लिया. लेकिन, जैसे ही लीग की समाप्ति हुई संजू सैमसन के टीम को छोड़ने की रिपोर्ट्स सामने आने लगीं. संजू तो गए नहीं, 30 अगस्त को राहुल द्रविड़ा का इस्तीफा जरूर आ गया. राहुल 2024 में भारतीय टीम की कोचिंग से इस्तीफा देकर राजस्थान रॉयल्स से जुड़े थे, उनसे एक बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जरूर थी, खासकर उस कोच से जिसकी अगुवाई में भारत ने हाल ही में वर्ल्ड कप जीता था. उस समय द्रविड़ कोचिंग मार्केट में सबसे हॉट नाम थे और आखिरकार वे उस फ्रेंचाइजी से जुड़े, जो हमेशा युवा खिलाड़ियों पर निवेश करने और भविष्य बनाने के लिए जानी जाती है. तो फिर ऐसा क्या हो गया कि राहुल को टीम छोड़नी पड़ी.
आईपीएल 2025 के दौरान राजस्थान रॉयल्स प्रबंधन के भीतर अलग-अलग विचार सामने आए, क्रिकबज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2025 से ही द्रविड़ और रॉयल्स प्रबंधन के बीच चर्चा चल रही थी, जब वे सीज़न की समीक्षा के लिए लंदन गए थे. मनोज बदाले उन्हें रोकने के इच्छुक थे और माना जा रहा है कि उन्होंने उन्हें एक अलग भूमिका की पेशकश की थी. फ्रेंचाइज़ी ने अपने बयान में कहा भी कि उन्हें बड़ी भूमिका दी गई थी. लेकिन द्रविड़ ने इस वैकल्पिक ऑफर को ठुकराने का फैसला किया.
संजू सैमसन का कितना रोल रहा?
राहुल के टीम छोड़ने की राजस्थान की यह घोषणा उस समय आई है जब अफवाहें हैं कि कप्तान संजू सैमसन भी टीम छोड़ना चाहते हैं. द्रविड़ का जाना संजू सैमसन प्रकरण का नतीजा भी माना जा सकता है, जिन्होंने टीम से रिलीज की मांग की है. जब किसी फ्रेंचाइजी का लंबे समय का कप्तान ही असंतुष्ट हो, तो कोच पर सवाल उठना स्वाभाविक है. इसने पूर्व भारतीय मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के अचानक टीम से बाहर होने की नींव रखी. भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाले कोच की अगुवाई में खेल रही इस फ्रेंचाइजी से ज्यादा उम्मीदें लगाई गई थीं, लेकिन इस सीजन में टीम 14 में से केवल 4 मैच ही जीत पाई.
सैमसन न सिर्फ अपनी चोट से बल्कि आईपीएल में राजस्थान के हालात से भी निराश थे. हालांकि, कप्तान की इस नाराजगी के लिए द्रविड़ को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. रिपोर्ट के मुताबिक, उनके और सैमसन के बीच रिश्ते सामान्य थे, जिनमें वही साधारण मतभेद शामिल थे जो किसी भी कोच और कप्तान के बीच होते हैं.
क्रिकबज की ही रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेंचाइजी के भीतर तीन खेमे बन गए थे
- एक समूह रियान पराग के पक्ष में था, जिन्होंने कुछ मैचों में कप्तानी की,
- दूसरा यशस्वी जायसवाल को भविष्य का कप्तान मानता था,
- जबकि तीसरा चाहता था कि मौजूदा स्थिति बरकरार रखी जाए.
राजस्थान के लिए अब आगे क्या?
जहाँ अटकलें टीम डायरेक्टर कुमार संगकारा को द्रविड़ का उत्तराधिकारी मान रही हैं, वहीं अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, मनोज बदाले ने लंदन में आने वाले कुछ दिनों में पूरे सपोर्ट स्टाफ की बैठक बुलाई है, जिसमें फैसला लिया जाएगा चाहे उसका ऐलान तुरंत किया जाए या नहीं. यह साफ नहीं है कि संगकारा को लंदन बैठक में बुलाया गया है या नहीं, लेकिन समझा जाता है कि विक्रम राठौड़ (पूर्व भारतीय बल्लेबाजी कोच) जो पिछले साल द्रविड़ के साथ रॉयल्स से जुड़े थे, उसमें शामिल होंगे. फिलहाल वे टीम के साथ बने रहने वाले हैं. अगर संगकारा कमान संभालते हैं, तो ट्रेवर पेनी (जो पहले उनके असिस्टेंट रह चुके हैं और इस समय भी टीम का हिस्सा हैं) की भूमिका बढ़ सकती है.
द्रविड़ का भविष्य
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि द्रविड़ आगे क्या करेंगे. कई फ्रेंचाइजियों से उन्हें ऑफर मिलना तय है और कुछ पहले ही रुचि दिखा रही हैं. लेकिन उनकी प्रकृति को देखते हुए उम्मीद है कि वे सभी ऑफरों को ध्यान से परखेंगे. हालांकि उन्हें यह भी पता होगा कि कोचिंग पदों के मौके हमेशा नहीं आते और फ्रेंचाइजियाँ लगातार उनका इंतजार नहीं करेंगी.
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