Virat Kohli vs Sachin Tendulkar: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मुकाबले में विराट कोहली ने 120 गेंद पर 135 रनों की शानदार पारी खेली और अपनी बल्लेबाजी से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. कोहली ने अपना 52वां वनडे शतक जड़ा और सचिन के 51 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो उन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में बनाए थे. अब कोहली के नाम किसी भी एक फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतक बनाने का रिकॉर्ड है. 306 वनडे मैचों में 58.02 की औसत से 14,390 रन और वनडे शतकों का विश्व रिकॉर्ड होने के साथ, उन्हें अब तक का सबसे महान वनडे बल्लेबाज कहा जाने लगा है. साथ ही कोहली की तुलना महान सचिन तेंदुलकर से भी होने लगी है. Virat Kohli vs Sachin Tendulkar Who is king of ODI check stats
कोहली ने तोड़ा सचिन के शतकों का रिकॉर्ड
सचिन तेंदुलकर के 44.83 की औसत से 18,426 वनडे रन, उनके 49 शतक और यह तथ्य कि उन्होंने 1990 और 2000 के दशक में यह पहाड़ बनाया. यह वह दौर जब टी20 नहीं था, जब सपाट सफेद गेंद वाली पिचें आम नहीं थीं. दोनों के समय की बात करें तो सचिन और कोहली की तुलना करना बेमानी होगी. कई मौकों पर क्रिकेट के जानकारों की भी यही राय रही है. हालांकि कुछ आंकड़े हैं, जिन्हें देखा जा सकता है. कोहली ने 294 पारियों में 52 शतक लगाए हैं, यानी हर 5.65 पारी में एक शतक. तेंदुलकर ने 452 पारियों में 49 शतक लगाए हैं, यानी हर 9.22 पारी में एक शतक.
सचिन आक्रामक, जबकि कोहली की संयमित बल्लेबाजी
टीम के रनों के अनुपात पर भी गौर करें, तो दोनों ही कमाल के हैं. तेंदुलकर ने क्रीज पर रहते हुए भारत के वनडे रनों का 17.89 फीसदी रन अपने बल्ले से बनाया है. वहीं, कोहली ने अपने दौर में भारत के कुल रनों का 18.66 फीसदी बनाया, जो सचिन से थोड़ा ज्यादा है. अलग-अलग भूमिकाओं और परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने वाले दो खिलाड़ियों का यह दबदबा उनके कद को दिखाता है. सचिन अपने करियर के ज्यादातर समय आक्रामक सलामी बल्लेबाज रहे और कोहली तीसरे नंबर पर इंजन की भूमिका में रहे.
गांगुली, द्रविड़ और सहवाग से बेहतर सचिन का औसत
सचिन जिस वर्ष में चरम पर थे, उस समय सौरव गांगुली (41.02 की औसत से 11,363 रन) और राहुल द्रविड़ (39.16 की औसत से 10,889 रन) ने खूब रन बनाए, लेकिन फिर भी दोनों का औसत 40 के आसपास ही रहा. उस दौर के दूसरे विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने 35.05 की औसत और 100 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 8,273 रन बनाए. कोहली भी एक मजबूत बल्लेबाजी व्यवस्था में खूब रन बटोरे हैं. दोनों की तुलना करना बेहद मुश्किल काम है. हालांकि, एक कार्यक्रम में सचिन ने भविष्यवाणी की थी कि उनका रिकॉर्ड रोहित या कोहली में से कोई तोड़ेगा.
सचिन और कोहली के समय के गेंदबाज
एक बात जरूरी है कि दोनों धाकड़ बल्लेबाजों ने अपने-अपने समय में किन गेंदबाजों का सामना किया. तेंदुलकर का वनडे करियर 1989 से 2012 तक चला. इसका मतलब था कि सचिन ने वसीम अकरम (23.52 की औसत से 502 वनडे विकेट), शॉन पोलक (3.67 की इकॉनमी के साथ 300 से ज्यादा वनडे विकेट) और मुथैया मुरलीधरन (23.08 की औसत से 405 विकेट) जैसे गेंदबाजों का सामना किया. उस दौर में ज्यादातर समय, एक नई गेंद, ज्यादा रिवर्स स्विंग और ज्यादा बढ़िया क्षेत्ररक्षण के कारण 260-270 का स्कोर जीत का स्कोर बना रहता था. दूसरी ओर, कोहली ने भी मिचेल स्टार्क, ट्रेंट बोल्ट, राशिद खान जैसे गेंदबाजों का सामना किया है, जिनकी इकॉनमी और औसत शानदार हैं. कुल मिलाकर दोनों ही अपने-अपने समय के दिग्गज हैं और दोनों की तुलना नहीं होनी चाहिए.
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