Rohit Sharma News: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) की जमकर तारीफ की है. रोहित ने 5 जून को मुंबई में पुजारा की पत्नी पूजा की किताब ‘द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर्स वाइफ’ के लॉन्च के मौके पर अपनी पुरानी यादें ताजा की. उन्होंने बताया कि जूनियर क्रिकेट के दिनों में उनकी टीम के लिए पुजारा को आउट करना सबसे बड़ा चैलेंज था. उस समय पुजारा सौराष्ट्र की ओर से खेलते थे और लगातार दो-तीन दिन तक बल्लेबाजी करके मुंबई की टीम की उम्मीदें तोड़ देते थे. रोहित ने कहा कि उनकी टीम की मीटिंग में सिर्फ यही चर्चा होती थी कि पुजारा को कैसे आउट किया जाए, वरना हार पक्की थी. All time discussion on how to get Pujara out Rohit revealed a big secret
पुजारा की वजह से बदल जाता था चेहरा
रोहित ने हंसते हुए एक मजेदार किस्सा भी सुनाया. उन्होंने बताया कि 14 साल की उम्र में जब वह पुजारा के खिलाफ खेलते थे, तो पूरा दिन धूप में फील्डिंग करनी पड़ती थी. पुजारा लगातार बल्लेबाजी करते रहते थे, जिसके कारण रोहित का चेहरा सांवला हो जाता था. रोहित ने कहा, ‘जब मैं शाम को घर लौटता था, तो मेरी मां मुझसे पूछती थीं कि तुम जब घर से जाते हो तो अलग दिखते हो और 10 दिन बाद जब लौटते हो तो अलग क्यों दिखते हो? मैं कहता था, मां क्या करूं, चेतेश्वर पुजारा नाम का एक बल्लेबाज है, जो तीन दिन से बल्लेबाजी कर रहा है.’ रोहित की यह बात सुनकर सभी हंस पड़े.
#WATCH | Mumbai: At the launch of Indian Cricketer Cheteshwar Pujara's wife Puja Pujara's book 'The Diary of a Cricketer's Wife', Indian Cricketer Rohit Sharma, says "…Since day one, my father has been a test cricket fan. He doesn't like this new age cricket. I still remember… pic.twitter.com/0hGpfieTaf
— ANI (@ANI) June 5, 2025
पुजारा की मेहनत और जज्बे की तारीफ
रोहित ने पुजारा के जज्बे की भी तारीफ की. उन्होंने बताया कि पुजारा को करियर की शुरुआत में दोनों घुटनों में गंभीर चोट (एसीएल) लगी थी. यह एक ऐसी चोट है, जिसके बाद किसी खिलाड़ी का करियर खत्म हो सकता है. लेकिन पुजारा ने हार नहीं मानी और 103 टेस्ट खेलकर भारत के लिए 7,195 रन बनाए. इनमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं. रोहित ने कहा कि इतनी बड़ी चोट के बाद इतना शानदार प्रदर्शन करना पुजारा की मेहनत और लगन को दिखाता है.
पुजारा ने बताया सबसे मुश्किल दौर
इस मौके पर चेतेश्वर पुजारा ने भी अपने करियर की सबसे मुश्किल सीरीज के बारे में बताया. उन्होंने 2016-17 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने करियर का सबसे कठिन समय बताया. पुजारा ने कहा, ‘2017 में बेंगलुरु टेस्ट में हमारी टीम पहली पारी में अच्छा नहीं खेल पाई थी. दूसरी पारी में भी हम मुश्किल में थे. उस समय मैंने कोच अनिल कुंबले से नाथन लियोन से निपटने का तरीका पूछा. अनिल भाई ने मुझे तकनीक के बारे में सुझाव दिया, जिससे मुझे काफी मदद मिली.’ इस सीरीज में पुजारा ने अपनी मजबूत बल्लेबाजी से टीम को संकट से निकाला था.
माता-पिता का समर्थन याद किया
रोहित और पुजारा ने अपने माता-पिता के समर्थन को भी याद किया. पुजारा ने बताया कि 17 साल की उम्र में उनकी मां का निधन हो गया था, लेकिन बचपन में माता-पिता ने उनका पूरा साथ दिया. उनकी मां हमेशा कहती थीं कि पहले अच्छा इंसान बनो, फिर कुछ भी करो. वहीं, रोहित ने कहा कि उनके माता-पिता ने उनके और उनके भाई के लिए बहुत त्याग किए, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें. इस किताब के लॉन्च ने दोनों खिलाड़ियों को अपनी जिंदगी के अनमोल पलों को साझा करने का मौका दिया.
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