Michael Clarke Skin Cancer Surgery and awareness appeal: क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया का दबदब रहा है. उनके नाम पर 4 वनडे विश्वकप खिताब हैं. टी20 विश्वकप और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की मेस भी उनके नाम पर है. इसमें कई दिग्गज खिलाड़ियों का अथक योगदान रहा है. इसी में से एक हैं माइकल क्लार्क. क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 2015 में वर्ल्ड कप जीता. उन्हीं क्लार्क ने अपने जीवन से जुड़ा एक गंभीर खुलासा किया है. उन्होंने अपनी नाक से स्किन कैंसर हटाने की एक तस्वीर साझा की. उन्होंने उन्होंने लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक रहने की अपील की है. साथ ही नियमित तौर पर इसके टेस्ट के लिए हिदायत भी दी है. .
सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए क्लार्क ने लिखा, “स्किन कैंसर हकीकत है! खासकर ऑस्ट्रेलिया में. आज मेरी नाक से एक और कैंसर हटाया गया. यह सभी के लिए याद दिलाने जैसा है कि अपनी स्किन की जांच कराते रहें. बचाव इलाज से बेहतर है, लेकिन मेरे मामले में नियमित जांच और जल्दी पहचान बेहद ज़रूरी है. शुक्रगुज़ार हूं कि डॉ बिश सोलिमान ने इसे समय रहते पकड़ लिया.”
अब तक 20 बार करा चुके हैं सर्जरी
44 वर्षीय क्लार्क को पहली बार 2006 में स्किन कैंसर का पता चला था. अब तक उन्होंने 20 बार सर्जरी करवाई है. 2019 में भी उन्हें तीन नॉन-मेलेनोमा घावों का इलाज कराना पड़ा था. उस वक्त भी उन्होंने लोगों से अपील की थी कि सूरज से अपनी त्वचा की सुरक्षा को गंभीरता से लें. क्लार्क ने अपने कैंसर का कारण धूप में ज्यादा समय बिताने को बताया था. उन्होंने कैंसर ले लड़ाई में कैंसर फाउंडेशन के सनराइज कार्यक्रम में साथ संपर्क जोड़ा. उन्होंने पहले बताया है कि वे साल में दो बार चेकअप कराते हैं.
क्या है स्किन कैंसर और ऑस्ट्रेलिया में क्यों होता है ज्यादा
स्किन कैंसर त्वचा की कोशिकाओं की असामान्य और तेज वृद्धि से विकसित होने वाली बीमारी है. इसका प्रमुख कारण सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों का प्रभाव या टैनिंग बेड का अधिक प्रयोग माना जाता है. यह विश्वभर में सबसे सामान्य कैंसर है, जिसकी समय रहते पहचान और उपचार बेहद महत्वपूर्ण है. ऑस्ट्रलिया विश्वभर में सबसे ज्यादा स्किन कैंसर के मामलों वाला देश है. भूमध्य रेखा से नजदीकी, उच्च अल्ट्रा वायलेट किरणें और गोरा रंग इसका बड़ा कारण है.
नियमित चेकअप कराने पर है क्लार्क को जोर
अपनी संघर्ष की कहानी बताते हुए क्लार्क ने कहा था कि मैं एक पिता हूं… मैं कहीं नहीं जाना चाहता. दुनिया में सबसे अहम है कि मैं अपनी बेटी केल्सी ली की मदद करूं और उसके लिए एक अच्छा उदाहरण बनूं. कैंसर के इलाज की शुरुआत में उन्हें डर लगा, लेकिन अब नियमित रूप से वे चेकअप कराते हैं.
क्लार्क का क्रिकेट करियर
‘पप’ उपनाम से मशहूर क्लार्क ने 2015 एशेज सीरीज (इंग्लैंड) के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उसी साल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप जिताया था. 44 वर्षीय क्लार्क ने 2003 से 2015 तक 12 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 115 टेस्ट, 245 वनडे और 34 टी20 खेले. उन्होंने टेस्ट में 8643 रन (28 शतक) और वनडे में 7981 रन बनाए. उन्होंने ने 47 टेस्ट, 74 वनडे और 18 टी20 में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया है. फिलहाल वे विश्व भर में कमेंट्री करते हुए क्रिकेट से जुड़े हुए हैं.
ये भी पढ़ें:-
बॉलिंग करियर के 201 विकेटों में एक है सबसे खास, सचिन तेंदुलकर ने इसको बताया अपना फेवरेट शिकार

