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IND vs ENG: सब्स्टीट्यूट देवदत्त पडिक्कल क्यों नहीं कर पाएंगे गेंदबाजी और बल्लेबाजी, जानें क्या है नियम

भारत के सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पारिवारिक कारणों से पूरे टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए हैं. टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के बीच में ही बड़ा झटका लगा है.

IND vs ENG: टीम इंडिया के इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन बड़ा झटका लगा है. टीम के सबसे अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पूरे सीरीज से बाहर हो गए हैं. उनकी मां की तबीयत बिगड़ गई है और वह बीच में टेस्ट छोड़कर चले गए हैं. देवदत्त पडिक्कल को उनके सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर उतारा गया है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि पडिक्कल इस टेस्ट मुकाबले में न तो गेंदबाजी कर पाएंगे और न ही दूसरी पारी में बल्लेबाजी. भारत को 10 खिलाड़ियों के साथ ही क्षेत्ररक्षण भी करना पड़ता, लेकिन विपक्षी टीम के कप्तान बेन स्टोक्स की अनुमती से पडिक्कल को क्षेत्ररक्षक के रूप में मैदान पर उतारा गया है.

बीसीसीआई ने अश्विन के बाहर होने की पुष्टि की
बीसीसीआई ने शुक्रवार की रात ही इस बात की पुष्टि की कि रविचंद्रन अश्विन पारिवारिक मेडिकल इमरजेंसी के कारण पूरे टेस्ट सीरीज से बाहर हो रहे हैं. बोर्ड ने अपने बयान में कहा कि हम खिलाड़ियों और उनके परिवार के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं. बोर्ड ने फैंस और मीडिया से अश्विन की गोपनियता का सम्मान करने का आग्रह किया है. हालांकि बोर्ड के उपाध्यक्ष ने इसकी पुष्टि कर दी कि अश्विन की माताजी की तबीयत बिगड़ गई है.

देवदत्त पडिक्कल हैं सब्स्टीट्यूट प्लेयर
नियमों को जानने वालों के बीच सुबह खेल शुरू होने से पहले ही इस बात की चर्चा छिड़ी थी कि भारत को अश्विन की जगह सब्स्टीट्यूट प्लेयर मैदान पर उतारने की अनुमति मिलेगी या नहीं. लेकिन खेल शुरू होने के बाद स्पष्ट हो गया कि देवदत्त पडिक्कल सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर मौजूद हैं. लेकिन नियमों की मानें तो पडिक्कल को गेंदबाजी और बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलेगा. भारत अब चार विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ ही तीसरा टेस्ट खेलेगा.

क्या कहते हैं नियम
खेल के नियमों के संरक्षक मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अनुसार, अंपायर एक सब्स्टीट्यूट क्षेत्ररक्षक को तभी अनुमति दे सकते हैं जब मैच के दौरान कोई खिलाड़ी घायल या बीमार हो गया हो. एमसीसी के नियम संख्या 24.1.1.2 के अनुसार, एक टीम ‘पूरी तरह से स्वीकार्य कारण’ के लिए एक सब्स्टीट्यूट क्षेत्ररक्षक रख सकती है. कोई सब्स्टीट्यूट गेंदबाजी नहीं कर सकता या कप्तान के रूप में कार्य नहीं कर सकता. खिलाड़ी केवल अंपायरों की सहमति से ही विकेटकीपर बन सकता है. चूंकि खेल के दौरान अश्विन घायल नहीं हुए थे या बीमार नहीं पड़े थे, इसलिए विपक्षी कप्तान बेन स्टोक्स की सहमति से ही सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी रखा जाएगा.

पडिक्कल किस स्थिति में बल्लेबाजी कर सकते हैं
देवदत्त पडिक्कल को भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलेगा. सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी केवल उसी स्थिति में बल्लेबाजी कर सकता है, जब कोई बल्लेबाज कनकसन (सिर में गंभीर चोट) के कारण बल्लेबाजी करते हुए मैच से बाहर हो जाता है. हालांकि, विपक्षी टीम के कप्तान से औपचारिक अनुरोध कर भारत पडिक्कल को दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतार सकता है. यह सब बेन स्टोक्स की अनुमति से ही संभव हो पाएगा.

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