IND vs ENG: ड्यूक गेंद की गुणवत्ता और स्थिरता इस भारत और इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विवादास्पद विषयों में से एक बन गई है. खिलाड़ी और विशेषज्ञ दोनों ही इसके घिसाव और व्यवहार को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं. हालांकि आमतौर पर दूसरी नई गेंद से तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद की जाती है, लेकिन कई मैचों में कई बार ऐसा देखने को मिला है कि टीमों ने अनुमान से बहुत पहले ही गेंद बदलने की मांग की है. गेंद के नरम हो जाने, आकार खोने या फिर उसके अप्रत्याशित व्यवहार के कारण ऐसा करना पड़ रहा है. नियंत्रण, रिवर्स स्विंग या सतह से उछाल पर निर्भर रहने वाले गेंदबाजों के लिए एकरूपता का अभाव निराशाजनक साबित हुआ है, जिसके कारण खेल में बार-बार रुकावट आ रही है. No common sense Ravi Shastri lashes out at umpires for changing ball
ड्रिंक के बाद गेंद के कारण रुका खेल
लॉर्ड्स में तीसरे दिन, खेल एक बार फिर रुक गया क्योंकि इंग्लैंड ने बीच सत्र में ही गेंद बदलने का अनुरोध किया. कुछ ही क्षण पहले ड्रिंक्स की घोषणा हो चुकी थी, इसलिए इस अनुरोध के समय पर लोगों की भौहें तन गईं. इसके बाद सात मिनट से ज्यादा का समय बर्बाद हुआ और अंपायरों ने क्रिस वोक्स को नई गेंद सौंपी. गेंद बदलने के दौरान ऑन-एयर इयान वार्ड ने अंपायरों के फैसले के समय पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने सवाल उठाया कि यह प्रक्रिया ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान क्यों शुरू नहीं हुई और बताया कि निर्धारित अंतराल के तुरंत बाद इस पर ध्यान देने से खेल का बहुमूल्य समय बर्बाद हो रहा था.
ड्रिंक्स ब्रेक में क्यों नहीं बदली गई गेंद
वार्ड ने कहा, ‘यह फिर से शुरू हो गया. एक बार फिर गेंद बदली गई. मुझे कहना होगा, यह हास्यास्पद है. अगर उन्होंने गेंद बदलने का फैसला किया, तो ड्रिंक्स ब्रेक की शुरुआत में यह फैसला क्यों नहीं लिया गया? हमने ड्रिंक्स ब्रेक के पूरे समय तक इंतजार किया. अब उन्हें फिर से खेलना चाहिए. अब वे पूरी प्रक्रिया से गुजर रहे हैं. यह प्रक्रिया ड्रिंक्स ब्रेक की शुरुआत में ही शुरू हो सकती थी.’ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉर्न ने भी समय की बर्बादी पर चिंता जताई है और कहा कि पूरे 90 ओवर गेंदबाजी नहीं हो पा रही है, जो एक बड़ी चिंता है.
शास्त्री ने अंपायरों पर साधा निशाना
रवि शास्त्री, जो उस समय कमेंट्री बॉक्स में शामिल हो चुके थे, भी गुस्से में थे, क्योंकि उन्होंने निर्णय के पीछे की ‘सामान्य समझ’ पर सवाल उठाया और आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या अंपायर पहले गेंद बदलना भूल गए थे. शास्त्री ने कहा, ‘मैं इससे ज्यादा सहमत नहीं हो सकता. यह सामान्य ज्ञान है, यह बुनियादी बात है. इसे समझाना मुश्किल है. बात यह है कि क्या वे भूल गए? हैरानी की बात यह है कि उन्होंने पांच गेंदें चेक कीं और उनमें से पांचों रिंग के पार नहीं गईं, तो फिर बॉक्स रखने की क्या जरूरत थी?’
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