मुंबई : एक सुर में ‘सचिन-सचिन’ कहना दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों में लोकप्रिय रहा है लेकिन दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने आज खुलासा किया कि वह उनकी मां थी जिन्होंने इससे पहले इसकी शुरुआत की थी. तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे संन्यास लेने के बाद भी ‘सचिन-सचिन’ बरकरार रहेगा.
अब यह थियेटरों तक में चला गया है. इसलिए मुझे खुशी है. ‘ उन्होंने अपने जीवन पर बनी फिल्म ‘सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स’ के एक गीत को जारी किये जाने के बाद इस बारे में बात की. तेंदुलकर से पूछा गया कि उन्होंने सबसे पहले कब ‘सचिन-सचिन’ सुना था, उन्होंने कहा, ‘‘असल में इसकी शुरुआत मेरी मां ने की थी. मैं नीचे खेलने के लिए चला जाता था और मुझे वापस घर में बुलाने के लिए मां कहती थी, ‘सचिन-सचिन.’
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युवा तेंदुलकर की बल्ला थामे हुए तस्वीर के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘यह असल में घर में खींची गयी थी जब मैं अपने भाई के साथ खेल रहा था. यह बालकनी में खींची गयी. मैं तब चार या पांच साल का था. मैं गेंद को हिट करना पसंद करता था. चाहे वह क्रिकेट का बल्ला हो या टेनिस का रैकेट. मेरा भाई टेनिस बॉल फेंकता था जिनमें से कुछ को मैं बल्ले से तो कुछ रैकेट से मारता था. ‘
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