धर्मशाला : विराट कोहली का मानना है कि उनका अंत:करण साफ है और उसका चीज का पक्ष लेने में कुछ भी गलत नहीं है जिसे वह सही मानते हैं. आस्ट्रेलियाई मीडिया का एक वर्ग अपनी क्रिकेट टीम के बदले में भारतीय कप्तान से भिडा हुआ है तथा उनके लिए ‘शेषनाग’ जैसे शब्द का उपयोग किया गया और उनकी तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से की गयी. ये सब आलोचनाएं स्टीव स्मिथ के डीआरएस को लेकर ‘भूलवश’ टिप्पणी और बाद में आस्ट्रेलियाई क्षेत्ररक्षकों द्वारा भारतीय फिजियो पैट्रिक फारहार्ट के मजाक उडाने के आरोपों से शुरु हुई.
कोहली से पूछा गया कि वह अपनी भावनाओं पर कैसे काबू पाते हैं तो उन्होंने थोडा व्यंग्यात्मक लहजे में जवाब दिया. भारतीय कप्तान ने उनकी आलोचना करने वाले आस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व खिलाडियों के संदर्भ में कहा, ‘‘मैं हमेशा सही चीजों का पक्ष लेता हूं. हमेशा सही काम करता हूं और हमेशा वह बात करता हूं जो मुझे लगता है कि सही है. मुझे इसको लेकर खेद नहीं है. मेरे पास पीछे लौटकर बदलने के लिए कुछ भी नहीं है. मुझे केवल इतनी हैरानी है कि एक व्यक्ति से इतने अधिक लोग प्रभावित हो गये इसलिए उन्हें शुभकामनाएं.
अगर इससे उनकी खबरें बिकती हैं तो शुभकामनाएं. ‘ कोहली ने कहा कि उनके लिए यह अधिक मायने रखता है कि उनकी टीम के साथी उनके बारे में क्या सोचते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह सब बाहरी दुनिया में हो रहा है. मैं अंदरुनी चीजों पर गौर करने की कोशिश करता हूं कि एक क्रिकेटर और एक व्यक्ति के रुप में मुझमें क्या सुधार करने की जरुरत है. मेरे साथी और करीबी व्यक्ति मेरे बारे में क्या सोचते हैं. ये चीजें ( आलोचनाएं ) मेरे लिए कोई मायने नहीं रखती. मैंने अपने करियर के शुरु में भी ऐसी आलोचनाएं झेली थी.
मैं पहले भी इनका सामना कर चुका हूं.’ कोहली से पूछा गया कि पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने उनका समर्थन किया है, उन्होंने कहा, ‘‘एक क्रिकेटर के रुप में जानते हो कि श्रृंखला के दौरान मैच में, मैदान पर क्या होता है. मुझे यकीन है कि उन लोगों से संबंधित हो सकता है. हर कोई अपना काम कर रहा है. अगर वे ( आस्ट्रेलियाई मीडिया ) कुछ अच्छा या गलत लिखना चाहते हैं तो यह उनकी निजी पसंद है.