भारतीय क्रिकेट टीम के ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धौनी इन दिनों विजय हजारे टूर्नामेंट खेलने में व्यस्त हैं. वे झारखंड की टीम की कप्तानी कर रहे हैं. इस टूर्नामेंट में महेंद्र सिंह धौनी का जलवा साफ दिख रहा है. वहीं धौनी बिन टीम इंडिया बेनूर सी नजर आ रही है. हालांकि धौनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास 2014 में ही ले लिया था, बावजूद इसके इन दिनों लोगों को धौनी की, उसके कप्तानी की बहुत याद आ रही है. कारण है विराट कोहली का आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में निराशाजनक प्रदर्शन.
क्या कप्तानी का बोझ नहीं उठा पा रहे हैं विराट कोहली?
पिछले कुछ सीरीज से लगातार जीत दर्ज करने वाली टीम इंडिया इन दिनों अपने ही देश में आस्ट्रेलिया के स्पिनर्स के खिलाफ धराशाई हो गयी है. कीओफे और लायन का कहर चल रहा है और टीम इंडिया कुछ नहीं कर पा रही है. अपनी बैटिंग से एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाने वाले कोहली बेबस नजर आ रहे हैं. उनका बल्ला नहीं चल रहा, मैदान पर उनके निर्णय गलत साबित हो रहे हैं और वे झल्लाये से नजर आ रहे हैं.
अच्छा बैट्समैन अच्छा कप्तान हो जरूरी नहीं
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान माना जाता है, क्रिकेट जगत के तमाम रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हैं. ऐसे महान बल्लेबाज भी एक सफल कप्तान साबित नहीं हो पाये थे. उन्होंने अपनी कप्तानी में 25 टेस्ट खेले, लेकिन उनमें से मात्र चार में ही उन्हें जीत मिली, नौ मैच वे हारे और 12 ड्रा रहा. जीत का प्रतिशत मात्र 16 रहा. हालांकि विराट कोहली की कप्तानी के बारे में अभी कुछ कहना जल्दी होगी और उनकी जीत का प्रतिशत भी अच्छा है. कोहली ने 23 मैच अपनी कप्तानी में खेल हैं जिनमें से 15 में उन्हें सफलता मिली है, दो हारे और छह ड्रा रहा.