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कुछ सोचा नहीं, एक बार में एक गेंद पर ध्यान दिया : रहाणे

नयी दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कम स्कोर वाली श्रृंखला में शतक जडने वाले पहले बल्लेबाज भारत के अंजिक्य रहाणे ने आज कहा कि दिमाग को खुला रखना और एक समय में केवल एक गेंद पर ध्यान देना उनकी सफलता का राज है. चौथे टेस्ट मैच में भारत की पहली पारी में 127 रन […]

नयी दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कम स्कोर वाली श्रृंखला में शतक जडने वाले पहले बल्लेबाज भारत के अंजिक्य रहाणे ने आज कहा कि दिमाग को खुला रखना और एक समय में केवल एक गेंद पर ध्यान देना उनकी सफलता का राज है. चौथे टेस्ट मैच में भारत की पहली पारी में 127 रन की जबर्दस्त पारी खेलने वाले रहाणे ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो मैं कुछ भी नहीं सोचना चाहता था और एक बार में एक गेंद पर ध्यान दे रहा था.

मैं अन्य बल्लेबाजों के साथ साझेदारी निभाना चाहता था. मुझे वास्तव में (रविचंद्रन) अश्विन के साथ बल्लेबाजी करते हुए शतक पूरा करने में बहुत अच्छा लगा. ” उन्होंने कहा, ‘‘पहले दो टेस्ट मैचों में मैंने शुरू में शाट खेलने पर ध्यान दिया और इसलिए आउट हुआ. मैं जानता था कि मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं. मैंने संजय बांगड और रवि भाई (रवि शास्त्री) से बात की और उन्होंने कहा कि ‘तुम शुरु में क्रीज पर पांव जमाने पर ध्यान दो और एक बार में एक गेंद के बारे में सोचो.
यदि आप 25 से 30 रन तक पहुंच जाओ तो फिर तुम अपनी स्वाभाविक बल्लेबाजी कर सकते हो. ” इस कलात्मक बल्लेबाज ने कहा कि उनकी तकनीक में कोई गड़बड़ी नहीं है लेकिन वह शुरू में ही बहुत अधिक शाट खेल रहे थे. रहाणे ने अपनी सफलता के राज का खुलासा करते हुए कहा, ‘‘तकनीकी और मानसिक तौर पर कुछ भी गड़बड़ी नहीं है. मैं अपने शरीर के करीब से शाट खेल रहा हूं.
मैं थोड़ा जल्दबाजी दिखा रहा था और आते ही शाट खेलने की कोशिश कर रहा था. यहां मैंने समय लिया और जितना संभव हो सके अपने शरीर के करीब से खेलने की कोशिश की तथा ढीली गेंदों का इंतजार किया. यहां संयम बरतना महत्वपूर्ण था. इस पारी में प्रतिबद्धता और संयम रखने से मुझे मदद मिली. ”
रहाणे ने कहा कि यह शतक उनके लिये विशेष है क्योंकि इसी मैदान पर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने कहा, ‘‘हां, यह खास शतक है क्योंकि मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में ही पदार्पण किया था. इसलिए मेरे दिमाग में कुछ चीजें थी.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच की वे यादें ताजा हुई. मैं बल्लेबाजी करने के लिये प्रतिबद्ध था. ” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सबसे महत्वपूर्ण क्रीज पर समय बिताना और लंबी पारी खेलना था. इसलिए मैं शतक बनाने के साथ अश्विन, विराट और जडेजा के साथ साझेदारी निभाकर खुश हूं. इससे हम 330 से अधिक का स्कोर बना पाये. ” रहाणे ने कहा कि उन्होंने पिच की स्थिति को लेकर चर्चा नहीं की. उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बारे में नहीं सोच रहे थे.
ड्रेसिंग रुम में हम विकेट को लेकर बात नहीं कर रहे हैं. हमारे लिये मैच और श्रृंखला जीतना महत्वपूर्ण है. विकेट में कुछ भी गलत नहीं है. आपको हमारे गेंदबाजों विशेषकर उमेश और इशांत को श्रेय देना होगा. ” कोटला की पिच के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘शाट जमाना आसान नहीं था लेकिन एक बार पांव जमाने के बाद आप आसानी से आउट नहीं हो सकते. गेंदबाजों के लिये जमे हुए बल्लेबाज को आउट करना मुश्किल है. हमारे गेंदबाजों ने पूरे अनुशासन और संयम के साथ गेंदबाजी की. गेंदबाजों के लिये महत्वपूर्ण है कि वे धैर्य बनाये रखें और सही क्षेत्र में गेंद करें. ”

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