मुंबई : बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर में 86वीं वार्षिक आम बैठक से पूर्व बोर्ड के सदस्यों से कुछ फैसलों पर समर्थन की अपील की थी जो उनके अनुसार मुश्किल दौर में बोर्ड की स्वायत्ता बनाये रखने के लिये जरुरी होंगे. मनोहर ने वार्षिक रिपोर्ट में लिखा है, ‘‘अध्यक्ष के रुप में मेरा दूसरा कार्यकाल अधिक चुनौतीपूर्ण है क्योंकि बोर्ड उथल पुथल के दौर से गुजर रहा है.
यह सभी सदस्यों के लिये जरुरी है कि वे बोर्ड की स्वायत्ता बरकरार रखने के लिये उसके हितों के बचाव के लिये जरुरी फैसलों का समर्थन करें.” उन्होंने जाहिर तौर पर 2013 स्पाट फिक्सिंग मामले का जिक्र करते हुए कहा कि बीसीसीआई कितने मुश्किल हालात से गुजरा है. उन्होंने लिखा है, ‘‘बीसीसीआई को अपने प्रभाव और शासन में पारदर्शिता में सुधार करने की जरुरत है और इसकी धनराशि के उपयोग में सदस्यों से जवाबदेही की उम्मीद की जाती है. ”
मनोहर ने कहा कि बोर्ड में पारदर्शिता लाने के लिये उन्होंने नियमों और दिशानिर्देशों से जुडी सारी जानकारी वेबसाइट पर देकर पहला कदम उठाया है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कुछ नियमों में संशोधन, हितों के टकराव के लिये नियम बनाने और खिलाडियों के मैनेजरों के लिये एक्रीडेशन बनाने में आपकी मदद चाहिए. मैं आपसे क्रिकेट के खेल को राज्य स्तर से भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिये अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने का आग्रह करता हूं ताकि क्रिकेट प्रेमियों का इस खेल में विश्वास बना रहे. ”