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धौनी से सीखें विराट, तभी बनेंगे परिपक्व कप्तान : स्टीव वॉ

शंघाई : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ का मानना है कि भारतीय टेस्ट टीम के युवा कप्तान विराट कोहली को महेंद्र सिंह धौनी से इस बात की सीख लेनी चाहिए कि जज्बात पर किस तरह से काबू रखना चाहिए और एक परिपक्व कप्तान बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में धौनी के […]

शंघाई : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ का मानना है कि भारतीय टेस्ट टीम के युवा कप्तान विराट कोहली को महेंद्र सिंह धौनी से इस बात की सीख लेनी चाहिए कि जज्बात पर किस तरह से काबू रखना चाहिए और एक परिपक्व कप्तान बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में धौनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कोहली को टेस्ट टीम की कमान सौंपी गयी. उसकी कप्तानी में भारत चार मैचों की श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया से 0 – 2 से हार गया. वॉ ने कहा कि अभी कोहली को काफी कुछ सीखना होगा.

उन्होंने कहा ,कोहली को परिपक्व होना होगा. इस विश्व कप में उसके साथ कुछ मसले रहे. वह काफी जज्बाती हो जाता है और कई मसलों को व्यक्तिगत तौर पर लेता है. एक कप्तान के तौर पर आपको अपनी चमड़ी मोटी करनी होती है और धौनी इसकी मिसाल हैं जो कभी किसी चीज से प्रभावित नहीं होते. वह कोहली के लिए अच्छे रोलमॉडल हो सकते हैं. कोहली को धौनी से सीखना चाहिए. वॉ ने यहां लारेस विश्व खेल पुरस्कारों से इतर कहा ,धौनी ने कभी इसकी परवाह नहीं की कि लोग क्या कह रहे हैं. बाहरी चीजों से वह प्रभावित नहीं होता.

वह मैदान पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में भरोसा रखता है. मुझे कोहली का जुनून पसंद है लेकिन उसे थोड़ा और चालाकी से काम लेना होगा. टेस्ट श्रृंखला में माइकल क्लार्क के चोटिल होने से ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी भी युवा स्टीवन स्मिथ ने संभाली थी. क्लार्क ने विश्व कप जीतने के बाद वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया. वॉ ने स्मिथ और कोहली की भी तुलना की. वॉ ने कहा , दोनों में जमीन आसमान का फर्क है. एक अपने जज्बात पर काबू रखता है तो दूसरा हर समय उन्हें दिखाता फिरता है. दोनों महान खिलाड़ी है. कोहली तकनीक के महारथी हैं तो स्मिथ का रवैया बेहतर है. दोनों काफी प्रतिभाशाली हैं और बहुत रन बनायेंगे लेकिन कई चीजों पर मेहनत करनी होगी.

यह पूछने पर कि पेशकश मिलने पर क्या वह भारत का कोच बनना चाहेंगे, वॉ ने कहा , मैंने इसके बारे में सोचा नहीं है. मैं इस समय सही दावेदार नहीं हूं. मुझे खेल की अच्छी समझ है लेकिन कोचिंग का अनुभव नहीं है. भारत का कोच बनना कठिन काम है. आपको वहां की संस्कृति की जानकारी होनी चाहिए और टीम से हमेशा काफी अपेक्षायें रहती है. उन्होंने कहा , मेरे घर पर तीन बच्चे हैं और व्यवसाय भी है.

भारत का कोच बनना फख्र की बात होगी लेकिन शायद मैं पांच साल बाद इस पर विचार कर सकूं, अभी नहीं.वॉ ने कहा ,मुझे मेंटर का काम पसंद है और मैं वह करना चाहूंगा. यदि आईपीएल से यह पेशकश मिलती है तो मैं स्वीकार कर लूंगा. विश्व कप में भारत के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,भारत प्रबल दावेदार था लेकिन लक्ष्य बहुत बड़ा था. विकेट सुरक्षित रहने पर इसे हासिल किया जा सकता था. भारत का बल्लेबाजी क्रम बेहतरीन है और एक खराब मैच के लिए खिलाड़ियों को दोषी ठहराना सही नहीं है. मेरा मानना है कि टॉस की भूमिका अहम रही.

Prabhat Khabar Digital Desk
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