नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने निचले क्रम के बल्लेबाजों को आउट करने में असफल रही टीम इंडिया के गेंदबाजों की जोरदार आलोचना की है. गावस्कर ने कहा भारतीय गेंदबाजों के पास वैकल्पिक योजना के अभाव में फिर से पुरानी कहानी दोहरायी गयी.
भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में आज अंतिम चार विकेट के लिये 258 रन गंवाये. पुछल्ले बल्लेबाज मिशेज जानसन और मिशेल स्टार्क ने इस बीच अर्धशतक जमाये. गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, यह वही पुरानी कहानी है क्योंकि न्यूजीलैंड में भी ऐसा हुआ था. मुझे प्लान ए के नाकाम रहने के बाद ह्यप्लान बीह्ण की कमी खली. वे मिशेल जानसन के लिये उछाल वाली गेंदें करना चाहते थे लेकिन तब तक गेंद 70 ओवर पुरानी हो चुकी थी.
यह नहीं भूलना चाहिए कि जानसन के नाम पर टेस्ट शतक है और भारतीयों ने उसे अच्छी शुरुआत करने दी. गावस्कर से पूछा गया कि इसी तरह की रणनीति ब्रैड हैडिन के खिलाफ कारगर साबित हुई, उन्होंने कहा, मैं यही कह रहा हूं. यदि आपकी रणनीति काम नहीं कर रही है तो आपको कुछ अलग हटकर करने की जरुरत होती है और यहां भारत के पास प्लान बी नहीं था.
यदि आप 135 किमी रफ्तार से जानसन के लिये बाउंसर करते हो तो गेंद केवल उसके कमर तक आती है और उसके कंधे तक नहीं जाती है. गावस्कर ने कहा, भारतीय टीम की न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और अब यहां रणनीति नाकाम रही.थिंकटैंक को यह आकलन करने की जरुरत है क्योंकि वे केवल शीर्ष छह बल्लेबाजों के लिये रणनीति बनाते हैं और निचले क्रम के बल्लेबाजों के लिये कोई योजना नहीं होती है. यदि वे हर पारी में 500 रन देते हैं तो फिर इस सवाल का जवाब देना जरुरी बनता है.
यह पूर्व कप्तान इस पर सहमत नहीं था कि भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में अच्छी वापसी की. भारत ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट खोकर 71 रन बनाये हैं. गावस्कर ने कहा, भारत अब भी 26 रन पीछे हैं और उसे बल्लेबाजी करने पर ध्यान देना होगा. उन्हें किसी अन्य चीज के बारे में सोचने के बजाय रन बनाने पर ध्यान देना होगा.