नयी दिल्ली : देश में अन्य खेलों की बनिस्बत क्रिकेट को अधिक तव्वजो दिए जाते हैं. इस बात को लेकर आज संसद में भी कटाक्ष किया गया. लोकसभा में आज एक सदस्य ने कहा कि ऐसा लगता है कि क्रिकेटरों को ब्रह्मा ने बनाया है, बाकी खिलाडियों को ब्रह्मा के कारिंदों ने.
कुश्ती खेल से जुडे रह चुके भाजपा सदस्य वीरेन्द्र सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान देश में ग्रामीण खेलों और अन्य खेलों के मुकाबले क्रिकेट को अधिक तव्वजो दिए जाने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खिलाडियों को सुविधाओं के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है.
उन्होंने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे दोनों भी उनकी तरह कुश्ती लड़ते रहे हैं और अच्छी तरह जानते होंगे कि कुश्ती सहित अन्य ग्रामीण खेलों की क्या हालत है.
इसी क्रम में उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, क्रिकेट को देखकर ऐसा लगता है कि क्रिकेट खिलाडियों को ब्रह्मा ने बनाया है और बाकी खिलाडियों को उनके (ब्रह्मा) कारिंदों ने. उन्होंने खिलाडियों को पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्पष्ट खेल नीति बनाए जाने की मांग की. भाजपा के ही राघव लखनपाल ने भी अपने प्रश्न के जरिए खेलों की दुर्दशा पर चिंता जतायी.
इस पर खेल मंत्री सर्वदानंद सोनोवाल ने बताया कि सरकार ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को पर्याप्त अवसर प्रदान करने के उपायों पर काम कर रही है और आने वाले वर्षों में विभिन्न खेलों से जुडी हुई कई अकादमियां स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है.इसके साथ ही उन्होंने अनुराग ठाकुर के सवाल के जवाब में बताया कि वर्ष 2016 और 2020 के ओलंपिक खेलों की तैयारियों के लिए सरकार खिलाडियों को हरसंभव मदद मुहैया करा रही है ताकि वे देश के लिए पदक जीत सकें.