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”मंकीगेट” मामले में भारत का झूठ पकड़ना चाहिये था : बार्डर

सिडनी : ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व कप्‍तान और महान खिलाड़ी एलेन बार्डर ने एक बार फिर ‘मंकीगेट प्रकरण’ को झेड़ दिया है. बार्डर ने अपनी आगामी किताब के हवाले से भारत पर जोरदार हमला बोला है. उन्‍होंने इस प्रकरण में भारत को झूठा करार दिया है. एलेन बार्डर ने अपनी किताब में लिखा है कि मंकीगेट […]

सिडनी : ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व कप्‍तान और महान खिलाड़ी एलेन बार्डर ने एक बार फिर ‘मंकीगेट प्रकरण’ को झेड़ दिया है. बार्डर ने अपनी आगामी किताब के हवाले से भारत पर जोरदार हमला बोला है. उन्‍होंने इस प्रकरण में भारत को झूठा करार दिया है.

एलेन बार्डर ने अपनी किताब में लिखा है कि मंकीगेट प्रकरण में ऑस्ट्रेलिया को अपने खिलाड़ी को नीचा दिखाने की बजाय भारत का झूठ पकड़ना चाहिये था. अपनी आगामी किताब ‘क्रिकेट एस आई सी इट’ में ऑस्ट्रेलिया के 1987 विश्व कप विजेता कप्तान बार्डर ने हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स से जुडे इस मामले पर अपना पक्ष रखा.

भारत के 2007-08 के विवादित ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत ने हरभजन पर लगाया तीन मैच का प्रतिबंध नहीं हटने की दशा में दौरा छोड़ने की धमकी दे दी थी. बार्डर ने अपनी किताब में लिखा , उस समय मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया बोर्ड में था और हमने आइसीसी अपील की जांच और नतीजा स्वीकार कर लिया लेकिन मुझे वह कभी सही नहीं लगा. हमने एंड्रयू साइमंड्स को अकेला छोड़ दिया और मैं इससे काफी खफा था. मुझे लगा कि यह सही नहीं है. वहां जरुर कुछ हुआ था.
उन्होंने कहा , बोर्ड का मानना था कि हम भारत को वापिस लौटने नहीं दे सकते लेकिन नैतिक तौर पर हमें उनका झूठ पकडा चाहिये था और दुआ करनी चाहिये थी कि वैश्विक समुदाय उन्हें पटरी पर लाता. बार्डर की किताब से ठीक पहले सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा प्लेइंग इट माय वे जारी हुई है जिसमें सचिन ने उस वाक्ये के बारे में तफ्सील से लिखा है.
उन्होंने कहा , हम हमेशा खिलाडियों से नस्लीय टिप्पणी होने पर रिपोर्ट करने के लिये कहते हैं. आइसीसी भी कहती आई है लेकिन जब असल में ऐसा हुआ तो किसी ने कुछ नही किया. बार्डर शुरु में साइमंड्स का साथ देना चाहते थे लेकिन बाद में बोर्ड का साथ दिया.
उन्होंने कहा , मैं हमेशा खिलाडियों के साथ रहा हूं लेकिन व्यावसायिक नजरिये से हकीकत को देखना था. हमें बताया गया कि भारतीय टीम के लौटने पर हमें काफी आर्थिक नुकसान होगा और हम इस स्थिति में नहीं है. उन्होंने कहा , प्रसारक चैनल नाइन हम पर क्षतिपूर्ति का मुकदमा कर सकता था क्योकि उसने क्रिकेट मैचों के प्रसारण के अधिकार खरीदे थे. हमें भारत पर मुकदमा करना पडता जो काफी ताकतवर है लिहाजा हमारे पास कोई और चारा नहीं था. बार्डर ने यह भी कहा कि मंकीगेट प्रकरण के बाद बोर्ड से उनकी रवानगी भी जल्दी हो गई.
उन्होंने कहा , उस घटना के बाद बोर्ड से मेरी रवानगी भी जल्दी हो गई. उन्होंने व्यावसायिक फैसला किया, नैतिक नहीं. पता नहीं हमारे उनके खिलाफ खडे होने पर भारतीय टीम रुकती या दौरा छोड़कर चली जाती. यदि वह चली भी जाती तो नैतिक आधार पर तो हमारा सिर उंचा होता.

Prabhat Khabar Digital Desk
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