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संदीप पाटिल ने भी किया चार दिवसीय टेस्ट क्रिकेट का विरोध

मुंबई : पूर्व भारतीय बल्लेबाज संदीप पाटिल बुधवार को उन पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों की जमात में शामिल हो गये जिन्होंने चार दिवसीय टेस्ट के विचार का विरोध किया है और उनका मानना है कि पांच दिवसीय मैच एक व्यक्ति के जज्बे का इम्तिहान लेता है. पाटिल यहां स्कूली स्तर के टूर्नामेंट हैरिस शील्ड फाइनल […]

मुंबई : पूर्व भारतीय बल्लेबाज संदीप पाटिल बुधवार को उन पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों की जमात में शामिल हो गये जिन्होंने चार दिवसीय टेस्ट के विचार का विरोध किया है और उनका मानना है कि पांच दिवसीय मैच एक व्यक्ति के जज्बे का इम्तिहान लेता है.

पाटिल यहां स्कूली स्तर के टूर्नामेंट हैरिस शील्ड फाइनल में पुरस्कार वितरित करने के लिये आये थे. चार दिवसीय टेस्ट के प्रस्ताव पर उनकी पहली प्रतिक्रिया थी, ‘यह बकवास’ है. वर्ष 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे पाटिल ने कहा, मैं पुराने विचारों का हूं और सचिन तेंदुलकर ने जैसी इसकी व्याख्या की है कि पांच दिवसीय टेस्ट का पहला दिन मध्यम गति के गेंदबाजों का होता है और टेस्ट क्रिकेट आपके जज्बे की परीक्षा लेता है. आप उस जज्बे और उन परीक्षाओं को छीन रहे हो.

पाटिल 1980 से 1984 तक 29 टेस्ट मैचों का हिस्सा रहे. उन्होंने कहा, इसे टेस्ट क्यों कहा जाता है क्योंकि इससे एक व्यक्ति की परीक्षा होती है. एक क्रिकेटर को पहले दिन इम्तिहान के लिये रखा जाता है और यह अंतिम दिन तक चलता है. जब विकेट टूटा होता है, टर्न लेता है तो आपको स्पिनरों का सामना करना पड़ता है.

चयन समिति के पूर्व प्रमुख रह चुके पाटिल ने दिन रात्रि टेस्ट के बारे में कहा, उन्होंने (आईसीसी) इसे शुरू किया. इस पर टिप्पणी करना बहुत जल्दबाजी होगी, ऑस्ट्रेलिया इसे शुरू कर चुका है. हमने भी एक मैच खेला है जो सफल रहा. हमें इंतजार करना होगा. आईसीसी ने इसे आजमाया है इसलिये उम्मीद करते हैं कि यह सफल है.

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