नयी दिल्लीः कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को भले ही मौजूदा सत्र में टी-20 क्रिकेट में राष्ट्रीय टीम के साथ मौका नहीं मिला हो, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल होने वाले विश्व कप से पूर्व खेल के सबसे छोटे प्रारूप में इन्हें चुका हुआ मानना जल्दबाजी होगी. पिछले 24 महीनों में प्रभावी प्रदर्शन से सीमित ओवरों की टीम में जगह पक्की करने वाले कुलदीप और चहल को लगातार दो टी- 20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं दी गयी.
धर्मशाला में पहले टी- 20 से पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि वे राहुल चहर और वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों का आजमा रहे हैं क्योंकि वे बल्लेबाजी में अधिक गहराई और लगातार 200 से अधिक का स्कोर बनाना चाहते हैं. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कुलदीप और चहल को बाहर रखने के फैसले के संदर्भ में कहा, इसके पीछे विचार यह है कि अगर बल्लेबाजी में गहराई है तो आप निश्चित तरीके से बल्लेबाजी कर सकते हैं.
लेकिन इस तरह की गहराई के साथ आप पारंपरिक तरीके से नहीं खेल सकते. इंग्लैंड ने ऐसा ही किया. उन्होंने बल्लेबाजी में गहराई पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि वे 400 रन (एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में) बनाना चाहते थे और उन्होंने कई बार इसे हासिल किया. उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि भारत टी-20 में इसी तरह का आक्रामक रवैया अपनाना चाहता है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
अब उन्हें लगातार 220 रन बनाने की इच्छाशक्ति दिखानी होगी. चोपड़ा ने कहा,आठवें, नौवें और 10वें नंबर तक बल्लेबाजी काफी महत्वाकांक्षी है (क्योंकि शायद 20 ओवर के मैच में आपको इसकी जरूरत ही नहीं पड़े) लेकिन अगर आप 220 रन बनाने का प्रयास कर रहे हैं तो ठीक है. चोपड़ा का मानना है कि अगर कोई टीम विकेट चटकाने की अपनी क्षमता के साथ समझौता करना चाहती है तो उसे अधिक रन बनाने होंगे.
इस पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज का मानना है कि चहल जल्द ही टी-20 में वापसी करेंगे. चहल फिलहाल सिर्फ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं जबकि कुलदीप 50 ओवर के प्रारूप और टेस्ट मैच दोनों टीमों में शामिल हैं लेकिन अंतिम एकादश में उनका खेलना तय नहीं है. चोपड़ा ने कहा, चहल वापसी करेगा. राहुल चाहर गेंदबाज हैं और आठवें नंबर पर शायद वाशिंगटन सुंदर की बल्लेबाजी की जरूरत ही ना पड़े.
पूर्व भारतीय स्पिनर और अब जाने माने स्पिन कोच सुनील जोशी ने युवाओं को आजमाने के कदम का स्वागत किया लेकिन साथ ही चेताया कि ऐसी स्थिति स्पिनरों के मन में भ्रम पैदा कर सकती है. जोशी ने कहा, मैं सुझाव दूंगा कि कुलदीप और चहल जब राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हों तो घरेलू क्रिकेट खेलें. यहां अंगुली के स्पिनर या कलाई के स्पिनर का सवाल नहीं है. यह बल्लेबाजों को छकाने की रणनीति है.
उन्होंने कहा, देखते हैं कि युवा स्पिनर कैसा करते हैं और उन्हें पर्याप्त मौके दिए जाने चाहिए लेकिन साथ ही अगर चहल और कुलदीप सिर्फ एक प्रारूप में खेलते हैं तो उनकी लय बिगड़ सकती है. सफेद गेंद का क्रिकेट पूरी तरह से लय पर निर्भर है.