रांची : विश्व कप में टीम इंडिया की हार के बाद झारखंड के पूर्व रणजी खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इनका कहना है कि टीम प्रबंधन ने बैटिंग ऑर्डर नहीं बदला होता, तो नतीजा टीम इंडिया के पक्ष में होता. इन्होंने टीम इंडिया की हार के लिए टॉप ऑर्डर का विफल होना बताया.
पूर्व रणजी क्रिकेटर आदिल हुसैन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बल्लेबाजी क्रम में इतना ज्यादा बदलाव भारत की हार का मुख्य कारण रहा. धौनी से पहले टीम प्रबंधन ने दिनेश कार्तिक और हार्दिक पांड्या को भेज दिया. यदि पांच नंबर पर धौनी जाते, तो वह खुद तो रुक कर खेलते, रिषभ पंत को भी धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी के लिए कहते. इसके अलावा टीम में प्लानिंग की भी कमी दिखी. भारतीय टीम की बैटिंग, फील्डिंग और बॉलिंग देख सभी भारत को चैंपियन टीम बता रहे थे, लेकिन टीम का सेमीफाइनल में हारना दुर्भाग्यपूर्ण रहा.
क्रिकेट कोच जयकुमार सिन्हा ने कहा कि जो अच्छी टीम थी, वह जीती. भारतीय टीम की हार के लिए टीम मैनेजमेंट दोषी है. सेमीफाइनल जैसे बड़े मैच में बल्लेबाजी क्रम नहीं बदलना चाहिए था. कोच कहते हैं बैटिंग ऑर्डर में उनका कोई योगदान नहीं होता. इसका निर्णय कप्तान लेता है. उन्होंने कहा कि धौनी को ऊपर बल्लेबाजी के लिए लाना चाहिए था और कहना चाहिए था कि आप पूरे 50 ओवर खेलो. पूरी टीम आपके साथ है. पंत, कार्तिक को और पांड्या को धौनी से ऊपर लाने की बात समझ से परे है.
पूर्व क्रिकेटर मन्नान सिद्दिकी ने कहा कि पांच नंबर पर धौनी को उतारना चाहिए था. उनकी जगह रिषभ पंत को भेजना टीम का गलत निर्णय रहा. धौनी जहां अनुभवी खिलाड़ी हैं, वहीं पंत में अभी मैच्योरिटी की कमी है. टीम मैनेजमेंट का यही निर्णय टीम के लिए भारी पड़ गया. धौनी के प्रारंभिक कोच चंचल भट्टाचार्य का मानना है कि टॉप ऑर्डर का फ्लॉप होना टीम इंडिया की हार का टर्निंग प्वाइंट रहा. मंगलवार को बारिश के कारण मैदान गीली थी.
ऐसे में शीर्ष के बल्लेबाजों को संभल कर खेलना चाहिए था. मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों को भी एक-दो रन बनाकर स्ट्राइक रोटेट करना चाहिए था, लेकिन भारतीय खिलाड़ी इसका ठीक तरह से निष्पादन नहीं कर सके. धौनी भी रनआउट नहीं होते, तो वह आसानी से मैच फिनिश कर सकते थे.