फगानिस्तान की टीम विश्व क्रिकेट का उभरता सितारा है. ये एक ऐसी टीम है, जो 30 मई से इंग्लैंड में होनेवाले 2019 विश्व कप में उलटफेर कर बड़ी टीमों का खेल बिगाड़ सकती है. अफगानिस्तान को 2011 में पूर्ण वनडे टीम का दर्जा मिला और चार साल बाद 2015 में बांग्लादेश के विरुद्ध 50 ओवर के विश्वकप में उन्हें डेब्यू करने का मौका मिला.
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क्रिकेट का महाकुंभ, 05 दिन शेष : गेंदबाजी के दम पर आगे बढ़ेगा अफगानिस्तान
फगानिस्तान की टीम विश्व क्रिकेट का उभरता सितारा है. ये एक ऐसी टीम है, जो 30 मई से इंग्लैंड में होनेवाले 2019 विश्व कप में उलटफेर कर बड़ी टीमों का खेल बिगाड़ सकती है. अफगानिस्तान को 2011 में पूर्ण वनडे टीम का दर्जा मिला और चार साल बाद 2015 में बांग्लादेश के विरुद्ध 50 ओवर […]
मजबूत गेंदबाजी के दम पर वे इस बार विश्व कप के लिए तैयार हैं और यह उनका दूसरा वनडे विश्वकप है. विश्व कप में अफगान टीम अपने अभियान का आगाज एक जून को कार्डिफ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करेगी.
अफगानिस्तान टीम
गुलबदीन (कप्तान), मोहम्मद शहजाद, नूर अली जादरान, हजरतुल्लाह जजई, रहमत शाह, असगर अफगान, हशमतुल्ला शाहिदी, नजीबुल्लाह जादरान, समीउल्लाह शिनवारी, मोहम्मद नबी, राशिद खान, दौलत जादरान, आफताब आलम, हामिद हसन, मुजीब-उर-रहमान.
विश्व कप 2019 के लिए अफगानिस्तान का कार्यक्रम
01 जून अफगानिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया, कार्डिफ वेल्स स्टेडियम.
04 जून अफगानिस्तान बनाम श्रीलंका, कार्डिफ वेल्स स्टेडियम.
08 जून अफगानिस्तान बनाम न्यूजीलैंड, काउंटी ग्राउंड, टॉन्टन.
15 जून दक्षिण अफ्रीका बनाम अफगानिस्तान, कार्डिफ वेल्स, कार्डिफ.
18 जून इंग्लैंड बनाम अफगानिस्तान, ओल्ड ट्रेफर्ड, मैनचेस्टर.
22 जून भारत बनाम अफगानिस्तान, साउथैम्पटन.
24 जून बांग्लादेश बनाम अफगानिस्तान, हैंपशायर बाउल.
29 जून पाकिस्तान बनाम अफगानिस्तान, लीड्स.
04 जुलाई अफगानिस्तान बनाम वेस्टइंडीज, हेडिंग्ले.
टीम की ताकत
इस टीम के सबसे मजबूत पक्ष की बात करें, तो वह गेंदबाजी है. राशिद खान, मोहम्मद नबी की स्पिन जोड़ी ने दुनिया के बड़े बल्लेबाजों को चकमा दिया है. राशिद खान हर तरह की पिच पर अपना जलवा बिखेरने का माद्दा रखते हैं. इसके अलावा असगर अफगान, रहमत शाह, मोहम्मद शहजाद आदि का अनुभव भी एक मजबूत पक्ष है.
टीम की कमजोरी
जहां गेंदबाजी इस टीम की ताकत है, तो बल्लेबाजी टीम की कमजोर कड़ी कही जा सकती है. लक्ष्य का पीछा करते हुए बड़े स्कोर को हासिल कर पाना इनके लिए आसान नहीं रहता है. कुछ बल्लेबाजों के पास अनुभव होने के बाद भी रन नहीं निकलना एक बड़ी समस्या रही है. समीउल्लाह शिनवारी की फॉर्म भी एक कमजोरी कही जा सकती है.
अनुभव की कमी
इस टीम का प्रदर्शन और अनुभव बड़े टूर्नामेंट में खास नहीं रहा है, इसलिए मौके के बारे में ज्यादा नहीं कहा जा सकता है. हालांकि एक या दो बड़ी टीमों को हराकर वे बड़ा उलटफेर जरूर कर सकते हैं. कुछ बड़ी टीमों को हराने पर उनके पास सेमीफाइनल तक का सफर तय करने का मौका जरूर आ सकता है, लेकिन उसके लिए निरंतर बढ़िया खेल का प्रदर्शन करना भी काफी अहम रहेगा.
तेज गेंदबाजों को भी योगदान करना पड़ेगा
इस टीम का स्पिन विभाग बड़ा सुदृढ़ है, लेकिन तेज गेंदबाजी में वो बात नजर नहीं आती. स्पिनर विपक्षी टीम के रनों को रोक लेंगे, तो तेज गेंदबाजों पर प्रहार करना हर टीम की रणनीति रहेगी. खराब तेज गेंदबाजी टीम के लिए घातक साबित हो सकती है. मैच जीतने के लिए स्पिनरों के साथ तेज गेंदबाजों को भी बराबर योगदान देने की आवश्यकता रहेगी.
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