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न्यायालय की शरण में श्रीनिवासन, अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनुमति मांगी

नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने उन्हें पद से दूर रहने संबंधी उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश पर फिर से विचार करने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है. श्रीनिवासन ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि उन्हें इस साल सितंबर तक अध्यक्ष पद पर काम करने की इजाजत […]

नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने उन्हें पद से दूर रहने संबंधी उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश पर फिर से विचार करने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है. श्रीनिवासन ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि उन्हें इस साल सितंबर तक अध्यक्ष पद पर काम करने की इजाजत दी जाये.

श्रीनिवासन ने बीसीसीआई के अध्यक्ष के रुप में काम करने से रोकने संबंधी शीर्ष अदालत के आदेश के घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र करते हुये दलील दी है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने उनके खिलाफ अनुचित और अप्रमाणित आरोप लगाये हैं.

इस मामले की न्यायालय कल सुनवाई करेगी. न्यायालय कल ही श्रीनिवासन और भारतीय टीम के कप्तार महेन्द्र सिंह धौनी के बीच हुई बातचीत के आडियो टेप के लिप्यांतर की प्रति उपलब्ध कराने के बीसीसीआई के अनुरोध पर भी विचार करेगा. यह आईपीएल में सट्टेबाजी और स्‍पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करने वाली मुद्गल समिति ने इस तथ्य को रिकार्ड किया है.

श्रीनिवासन ने एक हलफनामे में दावा किया है कि आईपीएल मैचों में स्‍पॉट फिक्सिंग के एक आरोपी अपने दामाद गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही या आपराधिक जांच में उन्होंने कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया है. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के आरोपों और शीर्ष अदालत की प्रतिकूल टिप्पणियों का जवाब देते हुये श्रीनिवासन ने कहा है कि उन्होंने कभी भी बोर्ड के अध्यक्ष पद से अलग रहने की कोई पेशकश नहीं की और यह प्रस्ताव तो 27 मार्च को बीसीसीआई ने दिया था. श्रीनिवासन ही चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक इंडिया सीमेन्ट्स के अध्यक्ष भी हैं.

उन्होंने निलंबित आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के इस आरोप का भी जवाब दिया है कि उन्होंने जांच को प्रभावित किया था. संपत कुमार ने ही इस सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग के आरोपों की शुरुआती जांच की थी.

श्रीनिवासन ने यह भी कहा कि न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गत समिति की रिपोर्ट में निष्कर्ष भी सही नहीं है कि उनका यह बयान कि मयप्पन सिर्फ क्रिकेट प्रेमी था और वह चेन्नई सुपर किंग्स का सार्वजनिक चेहरा था.

हलफनामे में कहा गया है, इन परिस्थितियों में मैं कहना चाहता हैं कि ऐसी कोई वजह नहीं कि मुझे क्यों नहीं बीसीसीआई के निर्वाचित अध्यक्ष के रुप में अपना काम नहीं करने दिया जाये जब तक न्यायालय को ऐसे पुख्ता सामग्री नहीं मिले कि मैने सीबी-सीआईडी की जांच में हस्तक्षेप किया या सेवा में संपत कुमार के कार्यकाल से किसी प्रकार का समझौता किया.

श्रीनिवासन ने कहा, मैंने कभी भी अपने दामाद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही या आपराधिक जांच में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया और मैं बिना शर्त यह आश्वासन देता हूं कि यदि न्यायालय ऐसी कार्यवाही का निर्देश देता है तो मैं ऐसा करता रहूंगा.

बीसीसीआई में अपनी स्थिति के संदर्भ में शीर्ष अदालत के 28 मार्च के आदेश पर पुनविर्चार का अनुरोध करते हुये हलफनामे में इंडिया सीमेन्ट्स के अध्यक्ष ने कहा है, मैं निर्वाचित अध्यक्ष के रुप में अपना काम शुरु करना चाहता हूं. मेरा कार्यकाल सितंबर, 2014 को समाप्त हो रहा है और मुझे मेरा कार्यकाल पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे के इस आरोप को भी गलत बताया है कि वह भ्रष्टाचार और पर्दा डालने के दोषी हैं और उन्होंने सट्टेबाजी के आरोपी विन्दू दारा सिंह तथा मयप्पन के बीच हुयी बातचीत के संबंध में मुद्गलत समिति के सीलबंद लिफाफे में पेश किसी भी आडियो टेप के विवरण के बारे में किसी जानकारी के प्रति अनभिज्ञता व्यक्त की है. उन्होंने यह भी कहा है कि बीसीसीआई से निष्कासित आईपीएल के पूर्व कमिशनर ललित मोदी और बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष तथा कुछ पत्रकारों ने हमेशा ही उनके प्रति प्रतिकूल रवैया अपना है.

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