पल्लेकेल : गेंदबाजी में विविधता उसे कातिलाना बनाती है और यही वजह है कि गेंदबाजी कोच भरत अरुण बायें हाथ के एक कुशल तेज गेंदबाज की खोज में लगे हैं जिससे भारतीय टीम का आक्रमण हर तरह से मजबूत बन सके. जहीर खान के संन्यास के बाद भारत के पास बायें हाथ का कोई उपयोगी […]
पल्लेकेल : गेंदबाजी में विविधता उसे कातिलाना बनाती है और यही वजह है कि गेंदबाजी कोच भरत अरुण बायें हाथ के एक कुशल तेज गेंदबाज की खोज में लगे हैं जिससे भारतीय टीम का आक्रमण हर तरह से मजबूत बन सके.
जहीर खान के संन्यास के बाद भारत के पास बायें हाथ का कोई उपयोगी तेज गेंदबाज नहीं रहा. आशीष नेहरा ने चोटों के बावजूद छोटे प्रारुप में अच्छा प्रदर्शन किया जबकि जयदेव उनादकट के पास तेजी नहीं है. बरिंदर सरां भी प्रभाव नहीं छोड़ पाये जबकि अनिकेत चौधरी अभी चुके नहीं है.
अरुण गेंदबाजी कोच के रुप में अपने दूसरे कार्यकाल में भारत ए के मुख्य कोच राहुल द्रविड और गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे के साथ बेहतर संवाद की उम्मीद लगाये हुए हैं. अरुण ने पत्रकारों से कहा, मैंने फिर से अभी यह पद संभाला है और निश्चित तौर पर हम भारत ए टीम के कोचों के साथ बात करेंगे. उभरते गेंदबाजों का बेहतर उपयोग करने के लिये जानकारी साझा करना जरुरी है. हमारे पास कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल जैसे लेग स्पिनर हैं और अगर हमारे पास बायें हाथ का अच्छा तेज गेंदबाज भी होता है तो यह टीम के लिये अच्छा रहेगा.
उन्होंने कहा कि विश्व कप 2015 के बाद केवल 15 वनडे मैच खेलने के बावजूद रविचंद्रन अश्विन अब भी विश्व कप 2019 के लिये उनकी योजना का हिस्सा हैं. अरुण से पूछा गया कि क्या अश्विन अगले विश्व कप की योजना का हिस्सा हैं, उन्होंने कहा, यह सवाल चयनकर्ताओं से किया जाना चाहिए लेकिन गेंदबाजी कोच होने के नाते मुझे लगता है कि वह बेहद प्रतिभाशाली गेंदबाज है. यहां तक कि जो आखिरी वनडे उन्होंने वेस्टइंडीज में खेला था उसमें भी 28 रन देकर तीन विकेट लिये थे.
उन्होंने कहा, वह (अश्विन) बेहद कुशल गेंदबाज है. अब तक क्या हुआ मैं उस पर गौर नहीं करना चाहता लेकिन वह निश्चत तौर पर वनडे टीम का हिस्सा है.हम अन्य गेंदबाजों को भी मौका देना चाहते हैं. इसके बाद हमारे पास लंबी अवधि की योजना होगी और फिर हम उसके अनुसार फैसला कर पाएंगे. अरुण पिछले एक साल तक टीम के साथ नहीं रहे लेकिन उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में गेंदबाजी इकाई में काफी सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा, अगर आप संपूर्ण गेंदबाजी इकाई पर गौर करो तो पिछले दो वर्षों में उसमें काफी सुधार हुआ है.लेकिन 2019 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए हमारे पास प्रत्येक गेंदबाज का विकल्प होना चाहिए. हमारे देश में इस बेंच स्ट्रेंथ के लिये पर्याप्त गेंदबाज हैं. अरुण ने हार्दिक पंड्या की जमकर तारीफ की जो तेजी से भारत के लिये तेज गेंदबाजी के विश्वसनीय विकल्प बनते जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, अगर आप हार्दिक को देखो तो उसने अपनी तेजी पर काम किया और अब वह लगातार 135 किमी की रफ्तार से गेंदबाजी करता है. वह अपने कोटे के सभी दस ओवर करना चाहता है और वह समझता है कि इन दस ओवरों को करने के लिये उसे अधिक कड़ी मेहनत करनी होगी और कुशल बनना होगा. वह अलग अलग चीजों को आजमाने में डरता नहीं है. इसलिए हार्दिक जैसे खिलाड़ी के साथ काम करते हुए मेरा काम आसान हो जाता है.