33.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

vat savitri pooja 2020: आज है वट सवित्री व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

vat savitri pooja 2020, muhurat, puja vidhi: जैसा कि इस व्रत के नाम और कथा से ही ज्ञात होता है कि यह पर्व हर परिस्थिति में अपने जीवनसाथी का साथ देने का संदेश देता है. इससे ज्ञात होता है कि पतिव्रता स्त्री में इतनी ताकत होती है कि वह यमराज से भी अपने पति के प्राण वापस ला सकती है. वहीं, सास-ससुर की सेवा और पत्नी धर्म की सीख भी इस पर्व से मिलती है.

जैसा कि इस व्रत के नाम और कथा से ही ज्ञात होता है कि यह पर्व हर परिस्थिति में अपने जीवनसाथी का साथ देने का संदेश देता है. इससे ज्ञात होता है कि पतिव्रता स्त्री में इतनी ताकत होती है कि वह यमराज से भी अपने पति के प्राण वापस ला सकती है. वहीं, सास-ससुर की सेवा और पत्नी धर्म की सीख भी इस पर्व से मिलती है. मान्यता है कि इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और उन्नति और संतान प्राप्ति के लिये यह व्रत रखती हैं. भारतीय पञ्चाङ्ग अनुसार वट सावित्री अमावस्या की पूजा और व्रत इस वर्ष 22 मई को मनाया जाएगा.

वट सावित्री व्रत व शुभ मुहूर्त

ज्योतिष गणना के अनुसार, इस वर्ष यह पर्व कल यानी 22 मई दिन शुक्रवार को कृतिका नक्षत्र और शोभन योग में पड़ रहा है, जो ज्योतिषीय गणना के अनुसार उत्तम योग है. ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का प्रारंभ 21 मई दिन गुरुवार को रात्रि 09 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है, जो 22 मई को रात्रि 10 बजकर 38 मिनट तक रहेगी.

– अमावस्या तिथि प्रारम्भ-मई 21, 2020 को रात्रि 09:16 बजे से.

– अमावस्या तिथि समाप्त-मई 22, 2020 को रात्रि 10:38 बजे तक.

वट सावित्रि व्रत पूजा विधि

सत्यवान-सावित्री की मूर्ति,, कपड़े की बनी हुई बांस का पंखा, लाल धागा, धूप, मिट्टी का दीपक, घी, फूल, फल (आम, लीची तथा अन्य फल) कपड़ा – 1.25 मीटर का दो, सिंदूर, जल से भरा हुआ पात्र, रोली होनी चाहिए.

वट वृक्ष के समक्ष बैठकर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण

वट सावित्रि व्रत में वट यानि बरगद के वृक्ष के साथ-साथ सत्यवान-सावित्रि और यमराज की पूजा की जाती है. माना जाता है कि वटवृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देव वास करते हैं. अतः वट वृक्ष के समक्ष बैठकर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन स्त्रियों को प्रातःकाल उठकर स्नान करना चाहिये, इसके बाद रेत से भरी एक बांस की टोकरी लें और उसमें ब्रहमदेव की मूर्ति के साथ सावित्री की मूर्ति स्थापित करें. इसी प्रकार दूसरी टोकरी में सत्यवान और सावित्री की मूर्तियां स्थापित करें दोनों टोकरियों को वट के वृक्ष के नीचे रखे और ब्रहमदेव और सावित्री की मूर्तियों की पूजा करें. तत्पश्चात सत्यवान और सावित्री की मूर्तियों की पूजा करें और वट वृक्ष को जल दें. वट-वृक्ष की पूजा के लिए जल, फूल, रोली-मौली, कच्चा सूत, भीगा चना, गुड़ इत्यादि चढ़ाएं और जलाभिषेक करें. फिर निम्न श्लोक से सावित्री को अर्घ्य दें.

इस मंत्र का करें जाप

अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते।

पुत्रान्‌ पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते॥

इसके बाद निम्न श्लोक से वटवृक्ष की प्रार्थना करें

यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।

तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा॥

पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल तथा धूप का प्रयोग करें.

इस प्रकार से करें पूजा

इस बार कोरोना संकट को लेकर देश भर में लागू लॉकडाउन के कारण महिलाएं बरगद के पेड़ के पास इक्कठा नहीं हो सकेंगी. इस दौरा बरगद के टहनी अपने घर लाकर पूजा करनी होगी. जल से वटवृक्ष को सींचकर उसके तने के चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर तीन बार अथवा यथा शक्ति 5,11,21,51, या 108 बार परिक्रमा करें. बरगद के पत्तों के गहने पहनकर वट सावित्री की कथा सुनें. फिर बांस के पंखे से सत्यवान-सावित्री को हवा करें. बरगद के पत्ते को अपने बालों में लगायें. भीगे हुए चनों का बायना निकालकर, नकद रुपए रखकर सासुजी के चरण-स्पर्श करें. यदि सास वहां न हो तो बायना बनाकर उन तक पहुंचाएं.

वट तथा सावित्री की पूजा के पश्चात प्रतिदिन पान, सिन्दूर तथा कुंमकुंम से सौभाग्यवती स्त्री के पूजन का भी विधान है. यही सौभाग्य पिटारी के नाम से जानी जाती है. सौभाग्यवती स्त्रियों का भी पूजन होता है. कुछ महिलाएं केवल अमावस्या को एक दिन का ही व्रत रखती हैं. अपनी सामर्थ्य के हिसाब से पूजा समाप्ति पर ब्राह्मणों को वस्त्र तथा फल आदि वस्तुएं बांस के पात्र में रखकर दान करें. घर में आकर पूजा वाले पंखें से अपने पति को हवा करें तथा उनका आशीर्वाद लें.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें