Saubhagya Sundari Vrat 2022: आज सौभाग्य सुंदरी व्रत है. मान्यता है कि यह व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन में मिठास बनी रहती है. इसमें भोलेनाथ और माता पार्वती की उपासना का विधान है. सुहाग की रक्षा, पति की दीर्धायु और बेहतर स्वास्थ के लिए महिलाएं ये व्रत पूर विधि विधान से करती है. सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने परिवार के कल्याण के लिए और अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत रखती हैं. इस दिन पूजा-पाठ के साथ विशेष मंत्रों का जाप करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को यह व्रत रखा जाता है. जो कि इस बार 11 नवंबर को है इसलिए सौभाग्य सुंदरी व्रत 11 नवंबर को रखा जाएगा. इस व्रत के पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 22 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक है.
कुमकुम, रोली, मौली, बेलपत्र, फूल, माला, पान, सुपारी, लौंग, हरी इलाचयी, बताशा, दक्षिणा, आक के फूल, सफेद चंदन, अक्षत, पूजा की चौकी, लाल कपड़ा, धूप, दीप, कपूर, नारियल, मिठाई, फल
सौभाग्य का अर्थ है भौतिक सुख, ऐश्वर्य, समृद्धि और सौंदर्य से तात्पर्य तन के साथ मन की सुंदरता. कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं को यह दोनों प्राप्त होता है.मान्यता है जो दंपति इस दिन साथ मिलकर शिव-पार्वती की उपासना करते हैं उनके कुंडली में मौजूद समस्त दोष दूर हो जाते हैं. जिन लोगों कुंडली में मांगलिक दोष होता है और शादी में परेशानियां आती हैं उन्हें यह व्रत जरूर करना चाहिए, इससे मंगल दोष की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.
* ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमःऊँ पार्वत्यै नमः..
* ॐ साम्ब शिवाय नमः ॐ गौर्ये नमः..
* देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्.
पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व कामांश्च देहि मे.
रुपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि..
ॐ उमायै नम:..
ॐ पार्वत्यै नम:..
ॐ जगद्धात्र्यै नम:..
ॐ शांतिरूपिण्यै नम:..
ॐ शिवायै नम:..
ॐ हराय नम:..
ॐ महेश्वराय नम:..
ॐ शूलपाणये नम:..
ॐ पिनाकवृषे नम:..
ॐ शिवाय नम:..
ॐ पशुपतये नम:..

