Rohini Vrat 2025: यह व्रत तब किया जाता है जब आसमान में रोहिणी नक्षत्र दिखाई देता है. इस दिन व्रत रखने से घर में सुख-शांति आती है और जीवन की परेशानियां कम होती हैं. इसे खासतौर पर महिलाएं अपने परिवार की भलाई और पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं.
क्या है रोहिणी व्रत
रोहिणी व्रत का संबंध रोहिणी नक्षत्र से है, जो चंद्रमा से जुड़ा हुआ है. यह नक्षत्र हर महीने आता है और जब यह सूर्योदय के बाद तक रहता है, तब रोहिणी व्रत किया जाता है. यह व्रत जैन और हिंदू धर्म दोनों में बहुत शुभ माना गया है.
व्रत कैसे करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें.
भगवान विष्णु या चंद्र देव की पूजा करें.
व्रत का संकल्प लें कि आज दिनभर संयम रखेंगे.
इस दिन फलाहार करें या केवल जल ग्रहण करें.
शाम को दीपक जलाकर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं.
व्रत अगले दिन रोहिणी नक्षत्र खत्म होने पर खोला जाता है (पारण).
व्रत रखने के लाभ
इस व्रत से घर में शांति और सुख बना रहता है.
पति की लंबी उम्र और परिवार की भलाई के लिए यह व्रत बहुत शुभ माना गया है.
जीवन की बाधाएं और दुख दूर होते हैं.
माना जाता है कि इस व्रत से व्यक्ति को धन और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है.
व्रत के नियम
व्रत के दिन किसी से झगड़ा न करें.
दिनभर शांत मन से भगवान का नाम जपें.
जरूरतमंदों को अन्न, कपड़े या दान दें.
व्रत के समय मांस, शराब या तामसिक भोजन से दूर रहें.
दान का महत्व
रोहिणी व्रत के दिन दान करना बहुत शुभ माना गया है. इस दिन जरूरतमंद को खाना, वस्त्र या गुड़-तिल देने से बहुत पुण्य मिलता है.
रोहिणी व्रत कौन रख सकता है?
पुरुष और महिलाएं दोनों रख सकते हैं, लेकिन आमतौर पर महिलाएं परिवार की सुख-शांति के लिए रखती हैं.
व्रत के दिन क्या खाना चाहिए?
फल, दूध या सरल भोजन जैसे फलाहार लेना शुभ माना गया है.
ये भी पढ़ें: Margashirsha Month 2025: आज से शुरू हुआ अगहन मास, जानिए क्यों कहा जाता है इसे धर्म और दान का महीना

