Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat: रक्षाबंधन का पावन त्योहार इस वर्ष 9 अगस्त, यानी कल मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर यह पर्व मनाने की परंपरा है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र या राखी बांधती हैं, जो सुरक्षा और स्नेह का प्रतीक है. राखी बांधने के बाद बहनें भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहन को प्रेम और सम्मान के प्रतीक स्वरूप उपहार प्रदान करते हैं.
दिन भर बांध सकेंगी राखी
रक्षा बंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:47 बजे से शुरू होकर दोपहर 2:23 बजे तक रहेगा, जो राखी बांधने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. ज्योतिषाचार्य अशोक वार्ष्णेय के अनुसार, इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा जैसी कोई अशुभ घड़ी नहीं होगी, जिससे बहनें पूरे दिन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी. साथ ही सर्वार्थ सिद्धि, सौभाग्य और शोभन योग जैसे मंगलकारी संयोग इस पर्व को और अधिक फलदायी बनाएंगे. इसके अलावा, 8 और 9 अगस्त को श्रवण नक्षत्र से युक्त पूर्णिमा भी महापुण्यदायिनी मानी जा रही है. पूर्णिमा का प्रभाव 9 अगस्त दोपहर 1:47 बजे तक रहेगा, इसलिए इस अवधि में राखी बांधना विशेष रूप से लाभकारी रहेगा.
रक्षाबंधन 2025 पर सिर्फ इतने देर तक बांध सकती हैं राखी
राखी बांधने की विधि (Rakhi Bandhne Ka Tarika)
राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व, उत्तर या ईशान (पूर्वोत्तर) दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है. भाई को स्वच्छ आसन पर बैठाएं. सबसे पहले उनके माथे पर तिलक लगाएं और आरती उतारें. इसके बाद रक्षामंत्र का उच्चारण करते हुए भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधें. मन ही मन ईश्वर से उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करें. अंत में उन्हें मिठाई खिलाकर यह पवित्र अनुष्ठान पूर्ण करें.

