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Mahakumbh न जा पाने का मलाल, तो Pushkar Kumbh 2025 में स्नान से पाएं पुण्य

Pushkar Kumbh 2025: पुष्कर कुंभ 2025 का आयोजन 15 मई 2025 से प्रारंभ होकर 26 मई 2025 तक चलेगा. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, बृहस्पति 14 मई 2025 को रात 11:20 बजे मिथुन राशि में प्रवेश कर चुका था, जिसके पश्चात मेला आरंभ हुआ.

Pushkar Kumbh 2025: भारत में कुंभ मेला आस्था और संस्कृति का अद्वितीय मिलन है. इस वर्ष जनवरी-फरवरी में प्रयागराज के महाकुंभ में लगभग 66 करोड़ लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया था. अब उत्तराखंड के माणा गांव में पुष्कर कुंभ 2025 का आयोजन प्रारंभ हो चुका है, जो 12 वर्षों के बाद हो रहा है.

12 वर्षों बाद होता है पुष्कर कुंभ का आयोजन

उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव, जिसे भारत का अंतिम गांव माना जाता है, में 12 वर्षों के बाद पुनः पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जा रहा है. यह पवित्र समारोह 15 मई 2025 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केशव प्रयाग में आरंभ किया जाएगा, जो अलकनंदा और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है. पुष्कर कुंभ उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में केशव प्रयाग में आयोजित होने वाला एक पवित्र हिंदू उत्सव है. यह बद्रीनाथ धाम से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहां अलकनंदा और सरस्वती नदी का पवित्र संगम होता है. यहां स्नान को मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है, क्योंकि यह पापों का नाश करता है और माता सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

कब तक है पुष्कर कुंभ का आयोजन

पुष्कर कुंभ 2025 का आयोजन 14 मई से 26 मई तक होगा. इस अवधि में केशव प्रयाग के घाटों पर भजन, कीर्तन और यज्ञ जैसे धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे. श्रद्धालु अलकनंदा और सरस्वती नदियों के संगम में पवित्र स्नान कर रहे हैं, जिसे मोक्ष प्राप्ति का साधन माना जाता है.

पुष्कर कुंभ का महत्व

पुष्कर कुंभ का धार्मिक महत्व हिंदू पौराणिक कथाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है. केशव प्रयाग वह पवित्र स्थान है, जहां महर्षि वेदव्यास ने तप किया और महाभारत की रचना की. दक्षिण भारत के महान आचार्य रामानुजाचार्य और माधवाचार्य ने भी यहां माता सरस्वती से ज्ञान प्राप्त किया. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, केशव प्रयाग को स्वर्ग का द्वार माना जाता है, क्योंकि पांडव यहीं से स्वर्ग की ओर गए थे. सरस्वती नदी, जो ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है, इस मेले को आध्यात्मिक रूप से विशेष बनाती है. दक्षिण भारत के लोग बड़ी संख्या में यहां स्नान करने आते हैं.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
A journalist with over 14 years of experience in print and digital media, specializing in the Religion and Astrology section. Additionally, involved in creating content on Palmistry, Zodiac Traits. Also worked for Entertainment, Life Style and Education Section.

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