18.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत है कल, जानें पूजा की सही विधि, पारण नियम और महत्व

Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन व्रत रखते हैं और महादेव की पूजा करते हैं. इस बार प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जा रहा है.मान्यता है कि बुध प्रदोष व्रत करने से बुद्धि, व्यापार, वाणी और करियर में विशेष लाभ मिलता है तथा जीवन की नकारात्मक बाधाएं दूर होती हैं. ऐसे में पूजा के पहले सभी नियम और विधियों का पालन करना आवश्यक है.

Pradosh Vrat 2025: साल 2025 का अंतिम प्रदोष व्रत 17 दिसंबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा. यह व्रत पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ रहा है. पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि का आरंभ 16 दिसंबर की रात 11:58 बजे होगा और इसका समापन 18 दिसंबर को दोपहर 02:33 बजे होगा. इस प्रकार, 17 दिसंबर को पूरे दिन त्रयोदशी तिथि रहने के कारण इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा. बुधवार के दिन होने से यह व्रत बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा. बुध प्रदोष व्रत भगवान शिव के साथ-साथ बुध ग्रह की शांति के लिए भी विशेष फलदायी माना जाता है.

प्रदोष व्रत 2025 पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत के दिन प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • घर के मंदिर या पूजा स्थल की साफ-सफाई करें.
  • मन में व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव व माता पार्वती का ध्यान करते हुए दिनभर संयम और सात्विकता का पालन करें.
  • यदि संभव हो तो उपवास रखें या फलाहार करें.
  • एक चौकी पर सफेद या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें.
  • गंगाजल या शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें, फिर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत अभिषेक करें.
  • इसके बाद पुनः जल से स्नान कराएँ और बेलपत्र, सफेद फूल, धतूरा, भस्म, चंदन और अक्षत अर्पित करें.
  • घी या तिल के तेल का दीपक जलाएँ और धूप दिखाएँ.
  • भगवान शिव के साथ माता पार्वती और बुध ग्रह का भी स्मरण करें. “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ बुं बुधाय नमः” और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें.
  • शिव चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी अत्यंत फलदायी होता है.
  • अंत में भगवान शिव की आरती करें और उनसे सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और बाधा-निवारण की प्रार्थना करें.
  • पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करें.

पारण का समय

साल 2025 का आखिरी प्रदोष व्रत बुध प्रदोष व्रत 16 दिसंबर की रात 11:58 बजे से शुरू होकर 18 दिसंबर दोपहर 02:33 बजे तक रहेगा. ऐसे व्रत का पारण दोपहर 02:33 बजे के बाद किया जाएगा. व्रती को व्रत समाप्ति के समय हल्का और सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. पारण में फलाहार या दाल-चावल जैसी सरल चीजें सेवन करना शुभ माना गया है.

प्रदोष व्रत का महत्व

बुध प्रदोष व्रत विशेष रूप से ग्रह बली, बुध ग्रह और भगवान शिव से जुड़ा है. इस दिन व्रत रखने से बुध और मंगल ग्रह के दोष दूर होते हैं. व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मानसिक शांति एवं ऊर्जा प्राप्त होती है. यह व्रत संकट, शत्रु बाधा और रोग दूर करने वाला माना जाता है.

यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat December 2025: कल है साल का आखिरी प्रदोष व्रत, बन रहे हैं दुर्लभ शुभ योग

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

Neha Kumari
Neha Kumari
प्रभात खबर डिजिटल के जरिए मैंने पत्रकारिता की दुनिया में पहला कदम रखा है. यहां मैं एक इंटर्न के तौर पर काम करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़े विषयों पर कंटेंट राइटिंग के बारे में सीख रही हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel