Navratri 2025: नवरात्रि 2025 में चतुर्थी तिथि का एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो इस पर्व को और भी विशेष और फलदायी बना देगा. इस बार नवरात्रि 9 दिनों की बजाय 10 दिन की होगी और 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगी. इस अतिरिक्त दिन का कारण तृतीया तिथि का दो बार पड़ना है—पहली बार 24 सितंबर और दूसरी बार 25 सितंबर को. ऐसा दुर्लभ योग इससे पहले 9 साल पहले, यानी 2016 में भी बन चुका था. इस बार का यह विशेष संयोग श्रद्धालुओं के लिए भाग्य और सौभाग्य दोनों का प्रतीक माना जा रहा है.
10 दिन की शारदीय नवरात्रि
इस साल शारदीय नवरात्रि पूरे 10 दिनों की होगी और यह दशहरा के साथ समाप्त होगी. सामान्यत: नवरात्रि 9 दिनों की होती है, लेकिन इस बार विशेष ज्योतिषीय संयोग के कारण यह अतिरिक्त दिन लेकर आ रही है. ज्योतिषविदों के अनुसार, ऐसा दुर्लभ योग पिछली बार 27 साल पहले 1998 में देखा गया था. उस समय भी चतुर्थी तिथि दो दिनों तक रहने के कारण मां कूष्मांडा की पूजा दो दिनों तक की गई थी. इस बार भी यह संयोग श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है और इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जा रहा है. तृतीया तिथि का महत्व बहुत बड़ा है. इस बार यह तिथि 24 और 25 सितंबर को पड़ रही है, जिससे नवरात्रि में एक अतिरिक्त दिन जुड़ रहा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चतुर्थी तिथि में मां दुर्गा की पूजा करने से समृद्धि, सुख और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है.
तृतीया तिथि का अद्भुत योग
ज्योतिषी सलोनी चौधरी के अनुसार, इस साल नवरात्रि का तीसरा दिन यानी तृतीया तिथि भी दो दिनों तक बनी हुई है. तृतीया तिथि 24 सितंबर को सुबह 4 बजकर 51 मिनट से शुरू हुई और 25 सितंबर को सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगी. इसका अर्थ है कि इस बार मां चंद्रघंटा की पूजा दो दिनों तक विधिपूर्वक की जाएगी. ज्योतिष के अनुसार, तृतीया तिथि का दो दिनों तक रहना जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति को बढ़ाने वाला योग बनाता है.
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राशियों पर विशेष प्रभाव
राशियों पर इस नवरात्रि का विशेष प्रभाव भी देखा जा रहा है. मेष, तुला, वृश्चिक, मकर और मीन राशियों के जातकों के लिए यह समय अत्यंत शुभ माना जा रहा है. इन राशियों के लोग धन वृद्धि, करियर में सफलता, पारिवारिक सुख और सामाजिक दायरे के विस्तार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं.
श्रद्धालुओं के लिए संदेश
इस दुर्लभ योग का पूरा लाभ उठाने के लिए श्रद्धालुओं को विधिपूर्वक पूजा, व्रत और साधना करनी चाहिए. मां दुर्गा की विशेष कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति का स्थायी वास होगा. यह समय भक्ति और आस्था के माध्यम से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है.

