Navratri 2025: नवरात्रि के दौरान भक्त अलग-अलग तरीकों से अपनी भक्ति प्रकट करते हैं. कुछ लोग पूरे समय व्रत रखते हैं, तो कुछ केवल आरंभ और समापन के दिन उपवास करते हैं. इस पावन अवसर पर पूजा-अर्चना के साथ नवमी के दिन हवन का आयोजन भी किया जाता है, जिससे वातावरण पवित्र और सकारात्मक बन जाता है. साथ ही, नवरात्रि में कुछ विशेष श्लोक, मंत्र और स्तुतियों का नियमित पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. यह न केवल देवी की कृपा आकर्षित करता है, बल्कि साधक के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है. कहा जाता है पूजा करने के बाद दुर्गा सप्तशती में वर्णित इस क्षमा प्रार्थना का पाठ जरुर करना चाहिए.
दुर्गा क्षमा प्रार्थना
परमेश्वरि! मेरे द्वारा रात-दिन सहस्त्रों अपराध होते रहते हैं। ‘यह मेरा दास है’ – यों समझकर मेरे उन अपराधों को तुम कृपापूर्वक क्षमा करो॥1॥
परमेश्वरि! मैं आवाहन नहीं जानता (जानती) विसर्जन करना नहीं जानता (जानती) तथा पूजा करने का ढंग भी नहीं जानता (जानती)। क्षमा करो॥2॥
देवि! सुरेश्वरि! मैंने जो मन्त्रहीन, क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी कृपा से पूर्ण हो॥3॥
सैकड़ों अपराध करके भी जो तुम्हारी शरण में जा ‘जगदम्ब’ कहकर पुकारता है, उसे वह गति प्राप्त होती है, जो ब्रह्मादि देवताओं के लिये भी सुलभ नहीं है॥4॥
जगदम्बिके! मैं अपराधी हूँ, किंतु तुम्हारी शरण में आया (आयी) हूँ। इस समय दया का पात्र हूँ तुम जैसा चाहो, करो॥5॥
देवि! परमेश्वरि! अज्ञान से, भूल से अथवा बुद्धि भ्रान्त होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो, वह सब क्षमा करो और प्रसन्न होओ॥6॥
सच्चिदानन्दस्वरूपा परमेश्वरि! जगन्माता कामेश्वरि! तुम प्रेमपूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझ पर प्रसन्न रहो॥7॥
देवि! सुरेश्वरि! तुम गोपनीय से भी गोपनीय वस्तुकी रक्षा करनेवाली हो। मेरे निवेदन किये हुए इस जप को ग्रहण करो। तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो॥
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