Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के ये नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए बेहद खास माने जाते हैं. श्रद्धा और नियमों से की गई पूजा-अर्चना व व्रत से भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. कहते हैं कि देवी को हरसिंगार के फूल अति प्रिय होते हैं.
क्यों प्रिय है मां को यह फूल
मान्यता है कि यह फूल नवरात्रि के समय ही खिलता है और अपनी मधुर सुगंध व सुंदरता से देवी को प्रसन्न करता है. इसे समृद्धि, सौभाग्य और उन्नति का प्रतीक माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं में भी इसका विशेष महत्व बताया गया है, कहा जाता है कि हरसिंगार की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी और यह देवताओं के लिए स्वर्ग में स्थापित किया गया था. इसलिए इसे अर्पित करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है.
हरसिंगार के बिना अधूरी है पूजा
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा हरसिंगार (पारिजात) के बिना अधूरी मानी जाती है. माना जाता है कि यह फूल देवी को अत्यंत प्रिय है और इसे अर्पित करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है. इसकी खुशबू और पवित्रता वातावरण को सकारात्मक बनाती है, साथ ही भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाती है. इसलिए नवरात्रि की पूजा में हरसिंगार का विशेष स्थान है.
मां दुर्गा की पूजा से मिलती है शक्ति
मां दुर्गा शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं. वो सृष्टि की रक्षक और सबको ऊर्जा देने वाली देवी हैं. उनके नौ रूप अलग-अलग गुणों को दर्शाते हैं. कभी वे दुष्टों का नाश कर धर्म की रक्षा करती हैं तो कभी दया और ममता से अपने भक्तों की देखभाल करती हैं. मां दुर्गा की पूजा करने से शक्ति, साहस, सुख और शांति की प्राप्ति होती है.

