Nautapa 2025 Mantra: गर्मी अपने चरम पर है और तपती दोपहरें शरीर और मन दोनों को थका देती हैं. ऐसे मौसम में अगर कोई राहत देने वाला सहारा हो, तो वो है आस्था और प्रार्थना. खासतौर पर नौतपा के दौरान सूर्य देव की उपासना न सिर्फ धार्मिक रूप से फलदायी मानी जाती है, बल्कि सेहत और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी ये एक शुभ समय माना जाता है.
कब शुरू हो रहा है नौतपा 2025
इस साल नौतपा की शुरुआत 25 मई 2025 को सुबह 3:15 बजे होगी, जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. यह नौ दिन तक यानी 3 जून तक रहेगा. सूर्य देव 8 जून को सुबह 1:04 बजे तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे और फिर मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. यह समय खगोलीय रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य की किरणें इस दौरान पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं, जिससे अत्यधिक गर्मी महसूस होती है.
नौतपा का प्रभाव
नौतपा के दिनों में तापमान अधिक रहता है और सूर्य की सीधी किरणों के कारण वातावरण में गर्मी की तीव्रता बहुत बढ़ जाती है. वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों के अनुसार, यदि नौतपा के नौ दिन पूरी तरह गर्म और सूखे रहें, तो यह अच्छे मानसून का संकेत माना जाता है. इस बार भी 3 जून तक तेज गर्म हवाएं, बवंडर और हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है. साथ ही माना जाता है कि इस समय संक्रमण की स्थिति भी घटती है और स्वास्थ्य में सुधार की संभावना बढ़ती है.
नौतपा की परंपरा
- भारत में नौतपा को लेकर कई परंपराएं जुड़ी हैं:
- महिलाएं इस दौरान मेहंदी लगाती हैं, जिससे शरीर को ठंडक मिलती है.
- जल दान और पानी अधिक पीने की परंपरा है ताकि शरीर डिहाइड्रेशन से बचा रहे.
- खानपान में दही, छाछ, मक्खन, नारियल पानी और ठंडी तासीर वाली चीजें ज्यादा ली जाती हैं.
इन परंपराओं का उद्देश्य सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ा भी है.
इस मंत्र का करें जाप
नौतपा के दौरान सूर्य देव की उपासना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है. सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद, तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प और कुमकुम डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. जल चढ़ाते समय सूर्यदेव के मंत्र ऊं घृणि सूर्याय नमः, या ऊँ सूर्यदेवाय नमः का निरंतर जाप करें. साथ ही सूर्य मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति, ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ होता है. यह माना जाता है कि इस समय तप का प्रभाव अधिक होता है और सूर्य देव जल्दी प्रसन्न होते हैं.
सूर्य मंत्र
इन मंत्रों का जाप सूर्योदय के समय अर्घ्य देते हुए करें:
ॐ घृणि सूर्याय नमः
ॐ सूर्यदेवाय नमः
ॐ आदित्या:
ॐ पूष्णे नमः
ॐ सविते नमः
ॐ प्रभाकराय नमः
ॐ मित्राय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ मार्तंडाय नमः
इन मंत्रों से शरीर को ऊर्जा, मन को शांति और जीवन में सकारात्मकता मिलती है. इस नौतपा में इन मंत्रों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और सूर्य नारायण से सेहत, सुख और सिद्धि का वरदान प्राप्त करें.