Makar Sankranti Mela 2021: गंगासागर से नम्रता पांडेय : देश के सभी राज्यों में मकर संक्रांति का पर्व अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. लोग इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर पुण्य स्नान करते हैं. इस वर्ष मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान गुरुवार की सुबह छह बजकर दो मिनट (6:02 बजे) से शुरू होकर शुक्रवार की सुबह छह बजकर दो मिनट (6:02 बजे) तक रहेगा.
इस दौरान सागर द्वीप पहुंचे श्रद्धालु गंगासागर में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बन सकते हैं. यह जानकारी गंगासागर स्थित कपिलमुनि आश्रम के महाराज संजय दास ने दी है. उन्होंने कहा कि कुंभ के बाद यदि कोई इतना बड़ा मेला लगता है, तो वह गंगासागर मेला ही है.
उन्होंने कहा कि गंगा पवित्रतम नदी है, जबकि समुद्र की अलग महिमा है. समुद्र में सारी नदियां आकर लीन हो जाती हैं. यह स्थान अपने आप में विशिष्ट महत्व रखता है. ऐसे में यहां पर जो भी पुण्य स्नान करेगा, वह अवश्य पुण्य का भागी होगा.
संजय दास महाराज ने कहा कि जहां तक कोविड का सवाल है, इसमें शक नहीं कि प्रशासन की व्यवस्था हर बार से ज्यादा अच्छी है. यह समय जो चल रहा है, इसके दौरान प्रयाग में माघ मेला व हरिद्वार में कुंभ मेला भी सुचारू रूप से आयोजित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हरिद्वार में लगने वाले कुंभ एवं प्रयाग के माघ मेला की वजह से इस बार कुछ साधु व तीर्थ यात्री उन जगहों पर चले गये हैं. इसलिए इस बार गंगासागर में भीड़ अपेक्षाकृत कम हुई है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष कोरोना के दौरान भी पश्चिम बंगाल की सरकार ने व्यवस्था में कोई कमी नहीं की है.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
उन्होंने कहा कि हर साल से ज्यादा मजबूत व अच्छी व्यवस्था है. इस बात की पुख्ता व्यवस्था की गयी है कि मेला में कोई अप्रिय घटना न हो. उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति 2021 की सुबह 9 बजे शंकराचार्य सागर में डुबकी लगायेंगे.
सुबह 9 बजे स्नान करेंगे शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती
श्री गोवर्धन मठ पुरी (ओड़िशा) संस्थान द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार, मकर संक्रांति की सुबह 9 बजे जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज गंगासागर में पुण्यस्नान करेंगे. इसके बाद वह श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे और पुरी के लिए रवाना हो जायेंगे.