Mahalaxmi Vrat 2025: महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल अष्टमी तिथि को शुरू होता है, जो कि आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक चलता है. यह व्रत गणेश चतुर्थी के चार दिन बाद शुरू होता है. यह सोलह दिनों तक मनाया जाता है. साल 2025 में यह व्रत 14 सितंबर, रविवार के दिन समाप्त होगा. इस दिन गज पर सवार मां लक्ष्मी की प्रतिमा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही विशेष भोग अर्पित किया जाता है. चलिए जानते हैं महालक्ष्मी व्रत के दौरान मां लक्ष्मी को किन चीज़ों का भोग लगाना चाहिए.
महालक्ष्मी व्रत भोग-प्रसाद
- खीर या पायसम: महालक्ष्मी व्रत के दिन मां लक्ष्मी को खीर या पायसम का भोग चढ़ाना चाहिए. कहा जाता है कि दूध, चावल और चीनी या गुड़ से बनी खीर माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है.
- मालपुए: व्रत के दिन मां लक्ष्मी को आटे और गुड़ से बने पुए चढ़ाने चाहिए. इन्हें देश के कई हिस्सों में पूजा का एक प्रमुख हिस्सा माना जाता है.
- फल और सूखे मेवे: माता लक्ष्मी को मौसमी फल और मेवे अर्पित करना चाहिए. इसे करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
- नारियल और मिठाई: भक्तों को इस दिन नारियल और अन्य मिठाइयाँ भी चढ़ानी चाहिए. नारियल और मिठाई पूजा में विशेष महत्व रखती हैं.
- पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से पंचामृत तैयार कर मां लक्ष्मी को अर्पित करें. यह पूजा का अभिन्न हिस्सा है.
महालक्ष्मी व्रत शुभ मुहूर्त
- सुबह 09:19 बजे से 10:51 बजे तक पूजा के लिए शुभ रहेगा.
- दोपहर में 11:58 बजे से 12:46 बजे तक का समय और दोपहर 01:53 बजे से 03:25 बजे तक का समय पूजा के लिए शुभ है.
- शाम 06:27 बजे से 07:56 बजे तक भी पूजा के लिए शुभ समय माना गया है.
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