8.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Lohri 2021: आज है लोहड़ी का त्योहार, जानें इसकी विशेषता और स्पेशल गीतों में दुल्ला भट्टी के जिक्र कारण…

Lohri 2021: देश के कई हिस्सों में लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार पंजाब-हरियाणा में और ही अधिक उत्साह से मनाया जाता है. यह उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है. यह पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. इस साल लोहड़ी पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी मान्यताएं और परंपराएं...

Lohri 2021: देश के कई हिस्सों में लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार पंजाब-हरियाणा में और ही अधिक उत्साह से मनाया जाता है. यह उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है. यह पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. इस साल लोहड़ी पर्व 13 जनवरी यानि आज मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी मान्यताएं और परंपराएं…

लोहड़ी पर्व के दिन लोग अपने रिश्तेदारों को विशेष प्रकार की मिठाइयां (तिल और गुड़ की बनी रेवड़ी) देकर बधाई देते हैं. शाम के समय में आग जलाकर उसमें अन्न डाले जाते हैं. लोहड़ी के दिन लोग भांगड़ा और गिद्दा नृत्य करते है. लोहड़ी को तिलोड़ी के नाम से भी जाना जाता है. यह तिल और गुड़ की रोड़ी से मिलकर बना होता है.

Also Read: कौन था दुल्ला डाकू जिसके नाम से मनाई जाती है Lohri, क्या है इसकी पूरी कहानी, जानें इस पर्व की पारंपरिक गीत, नृत्य व अन्य डिटेल
फसल बुआई-कटाई का त्योहार है लोहड़ी

लोहड़ी का त्योहार फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा हुआ है. लोहड़ी की रात को साल की सबसे लंबी रात माना जाता है. इस त्योहार से कई आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं. माना जाता है कि लोहड़ी पर अग्नि पूजन से दुर्भाग्य दूर होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

दुल्ला भट्टी के बिना अधूरा है लोहड़ी का त्योहार

पंजाब और हरियाणा में दुल्ला भट्टी से जुड़ी एक प्रचलित लोककथा है. दुल्ला भट्टी का जिक्र लोहड़ी से जुड़े हर गीत में किया जाता है. मान्यता है कि मुगल काल में बादशाह अकबर के समय दुल्ला भट्टी नाम का एक युवक पंजाब में रहता था. उसने कुछ अमीर व्यापारियों से कुछ समान के बदले इलाके की लड़कियों का सौदा करता था.

इसकी जानकारी जब दुल्ला भट्टी को हुई तो उसने वहां पहुंचकर लड़कियों को व्यापारियों के चंगुल से मुक्त कराया. इसके बाद इन लड़कियों की शादी हिन्दू लड़कों से करवाई. इस घटना के बाद से दुल्हा को भट्टी के नायक की उपाधि दी गई और हर बार लोहड़ी पर उसी की याद में कहानी सुनाई जाती है. माना जाता है कि दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाए बिना लोहड़ी का त्योहार अधूरा रहता है.

Also Read: जानें Lohri 2021 का शुभ मुहूर्त, इसकी मान्यताएं, मुख्य प्रसाद से लेकर मनाने के तरीके तक की पूरी जानकारी विस्तार से
लोहड़ी पर क्यों जलाया जाता हैं आग

पौराणिक कथा के अनुसार, लोहड़ी के दिन आग्नि राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में आग जलाई जाती है. मान्यता है कि एक बार राजा दक्ष ने यज्ञ करवाया और इसमें अपने दामाद शिव और पुत्री सती को आमंत्रित नहीं किया. इस बात से निराश होकर सती अपने पिता के पास आकर पूछा कि उन्हें और उनके पति को इस यज्ञ में निमंत्रण क्यों नहीं दिया गया.

इस बात पर अहंकारी राजा दक्ष ने सती और भगवान शिव की बहुत निंदा की. इससे सती बहुत आहत हुईं और क्रोधित होकर खूब रोईं. उनसे अपने पति का अपमान देखा नहीं गया और उन्होंने उसी यज्ञ में खुद को भस्म कर लिया. सती के मृत्यु का समाचार सुन खुद भगवान शिव ने वीरभद्र को उत्पन्न कर उसके द्वारा यज्ञ का विध्वंस करा दिया. तब से माता सती की याद में लोहड़ी को आग जलाने की परंपरा है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel