Karwa Chauth 2025 Puja Vidhi: करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाकर दिनभर बिना पानी पिए व्रत करती हैं. शाम को चांद निकलने के बाद वे छलनी से चांद और फिर अपने पति का चेहरा देखकर पूजा करती हैं. इस साल करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. चतुर्थी तिथि की शुरुआत रात 10:54 बजे होगी और यह शाम 7:38 बजे समाप्त होगी और चंद्रमा उदय शाम 7:42 बजे होगा, जिसे देखकर व्रत खोलने की परंपरा है.
करवा चौथ पूजन विधि
पूजन सामग्री तैयार करें: सबसे पहले करवा चौथ की पूजा के लिए सभी जरूरी चीजें इकट्ठा करें, जैसे करवा, मिट्टी की गौरी-गणेश, दीया, चावल, हल्दी, रोली, मिठाई, चुनरी, और पानी से भरा लोटा.
स्नान और संकल्प लें: सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और यह संकल्प बोलें
“मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।”
यानी- मैं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-सौभाग्य के लिए यह व्रत रखती हूं.
दीवार पर चित्र बनाएं: दीवार पर गेरू से चौकोर स्थान बनाएं और चावल के घोल से करवा का चित्र बनाएं. इसे “करवा धरना” कहा जाता है.
भोग सामग्री तैयार करें: पूजा के लिए अठावरी (8 पूरियां), हलवा और अन्य पकवान बनाएं.
गौरी-गणेश की स्थापना करें: पीली मिट्टी से गौरी माता की मूर्ति बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी को बिठाएं. उन्हें लकड़ी के आसन पर रखें, चुनरी ओढ़ाएं और बिंदी, चूड़ी आदि से श्रृंगार करें.
करवा तैयार करें: एक टोंटीदार करवा में गेहूं और ढक्कन पर शक्कर का बूरा भरें. ऊपर से दक्षिणा रखें और रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाएं.
पूजा करें: गौरी-गणेश और करवा की पूजा करें. इस दौरान यह मंत्र बोलें,
“नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥”
कथा सुनें: करवा पर 13 बिंदियां लगाएं और 13 चावल या गेहूं के दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा सुनें या पढ़ें.
सास का आशीर्वाद लें: कथा पूरी होने के बाद सास के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और करवा उन्हें भेंट करें.
चंद्र दर्शन करें: रात में जब चांद निकल आए तो छलनी से चांद को देखें, फिर उसी छलनी से पति का चेहरा देखें. इसके बाद चांद को जल अर्पित करें (अर्घ्य दें).
व्रत पूर्ण करें: पति से आशीर्वाद लेकर उन्हें भोजन कराएं और फिर स्वयं भोजन करें.
त्योहार का समापन करें: पूजा के बाद आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की शुभकामनाएं दें और व्रत पूरा करें.
करवा चौथ व्रत में निर्जला क्यों रहना चाहिए
करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना भोजन और पानी के निर्जला व्रत करती हैं. ऐसा करने से उनके मन और शरीर में संयम आता है और यह भक्ति का प्रतीक भी है. निर्जला रहना व्रत की शक्ति और पुण्य को बढ़ाता है.
चांद देखकर ही व्रत क्यों खोला जाता है
मान्यता है कि चंद्रमा पुरुष रूपी ब्रह्मा का प्रतीक हैं. इसलिए महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. चांद को देखकर व्रत खोलने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और व्रत का पूरा फल मिलता है.
करवा चौथ शुभ मुहूर्त 2025
इस साल करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. चतुर्थी तिथि की शुरुआत रात 10:54 बजे होगी और यह शाम 7:38 बजे समाप्त होगी. पूजा का शुभ समय सुबह 5:16 बजे से शाम 6:29 बजे तक रहेगा. चंद्रमा उदय शाम 7:42 बजे होगा, जिसे देखकर व्रत खोलने की परंपरा है.
ये भी पढ़ें: Karwa Chauth Mata Ki Aarti
ये भी पढ़ें: Karwa Chauth Vrat Katha
ये भी पढ़ें: Karwa Chauth Moon Rise Time: करवा चौथ के दिन कब निकलेगा चांद
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

