15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Janmashtami Puja Vidhi 2025: इस माह मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, जानें पूजा विधि और उपवास नियम

Janmashtami Puja Vidhi 2025, Samagri: अगस्त की शुरूआत हो गई है. इसी माह कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. आइए जानें जन्माष्टमी व्रत की सही विधि, उपवास के नियम और शुभ मुहूर्त की पूरी जानकारी.

Janmashtami Puja Vidhi Mantra 2025 : कृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य का पर्व है जो हर वर्ष भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को रात्रि में मनाया जाता है. 2025 में यह पर्व विशेष रूप से शुभ संयोगों के साथ आ रहा है. इस दिन पूजा विधि और उपवास के नियमों का पालन करना आवश्यक है, जिससे भक्त को श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त हो सके:-

– जन्माष्टमी पूजा से पहले की तैयारी करें

जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें.
पूजा स्थल को साफ कर श्रीकृष्ण जी की बाल स्वरूप प्रतिमा या झूला स्थापित करें.
संकल्प लें कि आप पूरे दिन उपवास एवं भक्ति के साथ यह पर्व मनाएंगे.
संकल्प मंत्र:
“मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यसौभाग्यादिसिद्ध्यर्थं श्रीकृष्णपूजां करिष्ये”

– जन्माष्टमी पूजा विधि

बाल गोपाल को पंचामृत से स्नान कराएं – दूध, दही, घी, शहद व शक्कर.
स्नान के बाद वस्त्र, मुकुट, मोरपंख, बांसुरी आदि से उनका श्रृंगार करें.
उन्हें ताजे फल, माखन-मिश्री, तुलसी-दल, और पंचामृत का भोग लगाएं.
मध्यरात्रि (12 बजे) श्रीकृष्ण जन्म का विशेष पूजन करें और आरती गाएं.

– जन्माष्टमी उपवास के नियम

यह उपवास निर्जला, फलाहार या सात्विक अन्न के रूप में रखा जा सकता है.
उपवास रखने वाले को पूरे दिन एकाग्रता, मौन और सत्संग में रहना चाहिए.
मन, वचन और शरीर से शुद्ध रहें — क्रोध, झूठ और निंदा से बचें.
अगले दिन पारण करें — कृष्ण को भोग लगाकर प्रसाद रूप में फलाहार ग्रहण करे.

– जन्माष्टमी भजन, कीर्तन और झांकी आयोजन

दिनभर श्रीकृष्ण के भजन, आरती, और “हरे कृष्ण हरे राम” महामंत्र का जाप करें.
रात्रि को बाल लीलाओं की झांकी, दही हांडी प्रतियोगिता या नंदोत्सव आयोजित करें.
बच्चों को बाल गोपाल के स्वरूप में सजाकर आनंद व आध्यात्मिक ऊर्जा फैलाएं.

– विशेष सावधानियां

पूजा करते समय जूठे या अशुद्ध हाथों से सामग्री न छुएं.
शराब, मांसाहार, और तामसिक वस्तुएं इस दिन पूर्ण रूप से वर्जित हैं.
पूजा में तुलसी दल का प्रयोग अवश्य करें — श्रीकृष्ण बिना तुलसी के भोग स्वीकार नहीं करते.

यह भी पढ़ें : Raksha Bandhan 2025: बहन को उपहार में भेंट न करें ये 5 चीजें, पढ़ सकता है दुष्प्रभाव

यह भी पढ़ें : Raksha Bandhan 2025: राखी बांधने से पहले करें ये 5 जरूरी उपाय, मिलेगा भाई को आयुष्य और सफलता

यह भी पढ़ें : Raksha Bandhan 2025 : राखी और जनेऊ, क्या जानते हैं दो पवित्र सूत्रों के बीच का आध्यात्मिक अंतर?

कृष्ण जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का दिन है. यदि यह पर्व श्रद्धा, नियम और भक्ति से मनाया जाए, तो श्रीकृष्ण की कृपा जीवन के हर क्षेत्र में अनुभव की जा सकती है.

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel