Grahan 2025: जन्मकुंडली में ग्रहों की अनुकूल स्थिति का हमारे जीवन पर अत्यंत महत्व होता है. जन्मकुंडली में बारह भाव होते हैं और प्रत्येक भाव का प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों में महसूस होता है. ग्रहों की अनुकूल या प्रतिकूल स्थिति से जीवन में सकारात्मक या नकारात्मक परिणाम उत्पन्न होते हैं.
चंद्रग्रहण दोष व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक जीवन में अनेक परेशानियाँ ला सकता है. इससे कार्य में बाधा, मानसिक अस्थिरता, नसों से जुड़ी समस्याएँ और कभी-कभी अनिद्रा जैसी परेशानियां हो सकती हैं.
चंद्रग्रहण योग कैसे बनता है?
चंद्रग्रहण योग तब बनता है जब जन्मकुंडली में:
किसी भाव में चंद्रमा के साथ राहु या केतु हो, या सूर्य और चंद्रमा एक साथ स्थित हों. चंद्रमा मन का कारक ग्रह है, जबकि राहु छाया ग्रह माना जाता है जो मानसिक स्थिति को अस्थिर करता है. यह योग जीवन में अचानक परेशानियां, छल-प्रपंच, अनिद्रा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है.
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जन्मकुंडली के प्रत्येक भाव में चंद्रग्रहण योग का प्रभाव
- पहला भाव: आंतरिक शक्ति में कमी, स्वास्थ्य सामान्य रहता है.
- दूसरा भाव: वाणी, धन और संपत्ति में कमी, परिवारिक सुख प्रभावित.
- तीसरा भाव: भाई-बहन के सुख में कमी, भौतिक सुख सीमित.
- चौथा भाव: माता का सुख और पारिवारिक सहयोग कम.
- पांचवा भाव: संतान, शिक्षा और प्रेम संबंध में परेशानी.
- छठा भाव: करियर में बाधाएँ, शत्रु सक्रिय.
- सातवा भाव: व्यापार और वैवाहिक जीवन में कठिनाई, पेट संबंधी समस्या.
- आठवां भाव: स्वास्थ्य संबंधी समस्या, अचानक घटनाएँ.
- नवम भाव: धार्मिक कार्य में रुचि कम, भाग्य साथ नहीं देता.
- दशम भाव: कार्य और व्यापार में नुकसान, पिता का सहयोग कम.
- एकादश भाव: लाभ में कमी, आर्थिक हानि, संसाधनों की कमी.
- द्वादश भाव: खर्च, कर्ज, स्वास्थ्य समस्या और हॉस्पिटल खर्च बढ़ना.
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विशेषज्ञता: ज्योतिष, वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

