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Grah Dosh in Kundli: इस कारण होती है वैवाहिक जीवन कष्टकारी, ये पांच दोष बर्बाद कर देती है आपकी लव लाइफ

Grah Dosh in Kundli: अगर जातक कुंडली मिलान के बिना विवाह करता है, तो भी उसे अपने वैवाहिक जीवन में परेशानी का अनुभव करना पड़ता है, क्योंकि कुंडली मिलान से दोष, ग्रह दशा आदि का पता लगाया जाता है और अगर जातक बिना कुंडली मिलान के विवाह करता है, तो उसे अपनी या अपने साथी की कुंडली में बने योग, अशुभ योग और ग्रह दशा का पता नहीं चला पाता है.

Grah Dosh in Kundli: वैवाहिक जीवन का आधार प्रेम, आपसी समझ और तालमेल होता है. कई बार ग्रहों की अशुभ चाल रिश्तों में खटास और तनाव पैदा कर देती है. ज्योतिष शास्त्र में कुछ दोष ऐसे होते हैं, जो पति-पत्नी के बीच मनमुटाव और दूरियों का कारण बन सकते हैं . इस कारण वैवाहिक जीवन में कभी कभी तलाक की नौबत आ जाती है. आइए, ऐसे ही कुछ दोष के बारे में जानते हैं, जो दांपत्य जीवन को प्रभावित करते हैं.

स्वभाव के अनुसार सूर्य-राहू और शनि अलगाववादी ग्रह है

कुंडली के जिस राशि में सूर्य-राहू और शनि ग्रह बैठे होते हैं उनके स्वामियों में भी अलगाववादी प्रवृत्ति होती है, लेकिन उनकी तीव्रता कम होती है. जन्म कुंडली के बारहवें भाव अलग कराने में अहम भूमिका निभाता है और 12वें भाव के स्वामी के अंदर भी अलगाव की प्रवृत्ति होती है. जब भी 12वें भाव के स्वामी राहु-केतु के साथ मिलकर कुंडली के 7वें भाव या सप्तमेश को प्रभावित करें तो शादी के बाद अलगाव होता है. इसके साथ ही कुंडली के चौथे भाव के स्वामी का छठे भाव में होना और छठे भाव के स्वामी का चौथे भाव में होना भी तलाक करवा देता है, इन सब के साथ में शुक्र ग्रह का पीड़ित होना भी एक फैक्टर बनता है.

कुज दोष

कुज दोष, जिसे मंगल दोष के रूप में भी जाना जाता है. यह जातक के वैवाहिक जीवन में परेशानी उत्पन्न करता है. इसके कारण वैवाहिक संबंधों में विवाद, गलतफहमी और तलाक भी हो सकता है.

नाड़ी दोष

कुंडली मिलान में नाड़ी दोष बनने से जातक के वैवाहिक संबंधों, स्वास्थ्य समस्याओं, वित्तीय समस्याओं का कारण बनता है.

विष दोष

जातक की कुंडली में शनि और चंद्रमा की युति के कारण विष दोष बनता है. माना जाता है कि यह दोष वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा करता है.

दरिद्र योग

दरिद्र योग तब बनता है, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की युति आर्थिक अस्थिरता और दरिद्रता का संकेत देती है. यह योग वैवाहिक समस्याओं को जन्म दे सकता है.

पापकर्तरी योग

कुंडली में 7वे भाव का सप्तमेश का चंद्रमा का पापकर्तरी दोष में होना वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा करता है, जैसे कि प्यार की कमी, संचार और अनुकूलता की कमी आदि. पापकर्तरी रिलेशनशिप का कारक शुक्र ग्रह अपनी ही राशि में कुछ विशेष डिग्रियों पर होने पर भी रिश्तों का अंत करा देता है.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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