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Eid-ul-Fitr 2020: इस बार लॉकडाउन में कैसे मनाई जा रही ईद

Eid-ul-Fitr 2020: Why is Eid celebrated twice a year, ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म का प्रमुख पर्व है. ईद भारत साहित विश्व के अन्य देशों में धूमधाम से मनायी जाती है. ईद का त्योहार इस्लाम के पवित्र महीने रमजान के आखिरी में मनाया जाता है. इस दिन मुस्लिम लोग रोजे नहीं रखते हैं. ईद-उल-फितर चांद के दीदार के बाद ही मनाया जाएगा.

Eid-ul-Fitr 2020: ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म का प्रमुख पर्व है. ईद भारत साहित विश्व के अन्य देशों में धूमधाम से मनायी जाती है. ईद का त्योहार इस्लाम के पवित्र महीने रमजान के आखिरी में मनाया जाता है. इस दिन मुस्लिम लोग रोजे नहीं रखते हैं. ईद-उल-फितर चांद के दीदार के बाद ही मनाया जाता है. रमजान के दौरान दुनिया भर में, मुसलमान सुबह से शाम तक रोजे रखते हैं. इसके बाद चांद के दीदार के बाद रोजा खोला जाता है. इसके बाद ही ईद के जश्न की शुरुआत होती है. हालांकि, ईद उल-फितर की तारीख, एक देश से दूसरे देश में भिन्न होती है, जब चांद का दीदार होता है. इस दिन अल्लाह ने ही मुसलमानों को रमजान के अंतिम दिन तक रोजे रखने का हुक्म दिया था. इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान में भी इसका उल्लेख किया गया है.

ईद की नमाज अदा करने से पहले जकात अल-फित्र अदा करने की रस्म भी जोड़ दी गई. अरब देशों में आज चांद के दीदार होने के बाद रविवार के दिन ईद मनाई जाएगी. वहीं, भारत में रविवार को चांद देखने के बाद 25 मई सोमवार के दिन ईद मनाई जाएगी. ईद का त्योहार मुसलमानों के लिए खास माने जाते है. ईद के दिन लोग एक दूसरे को नए कपड़े गिफ्ट करते हैं. दोस्तों और परिवारों से ईद मिलते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण लोग एक दूसरे से गले नहीं मिल सकेंगे और ना ही एक दूसरे को सेवइयों की दावत पर घर ही बुला सकेंगे. लोग इस बार अपने घर में रहकर ही ईद मनाएंगे और सेवइयां खाएंगे.

ऐसे मनायी जाती है ईद

रमजान के महीने में रोजा रखने का मतलब होता है कि लोगों को भूख और प्यास का एहसास हो सकें. वहीं, ईद उल फितर को मनाने का मकसद है कि पूरे महीने अल्लाह के बंदे अल्लाह की इबादत करते हैं. रोजा रखते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं, जिसका मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है. जिसे मुसलमान बडे़ हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं.

ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं. परिवार और दोस्तों के बीच तोहफों का आदान-प्रदान होता है. सिवैया इस त्योहार की सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है, जिसे सभी बड़े चाव से खाते हैं. हालांकि इस बार लॉकडाउन 04 के कारण अपने घरों में ही ईद मनाई जाएगी. मस्जिदों और ईदगाहों में ईद की नमाज पढ़ने की मनाही है.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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