Diwali Puja Samagri List: दीपावली का पर्व हर साल आनंद, प्रकाश और शुभता लेकर आता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी. यह दिन धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी मां लक्ष्मी तथा विघ्नहर्ता भगवान गणेश की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से लक्ष्मी पूजन करने पर घर में सुख-समृद्धि आती है.
दिवाली पूजा सामग्री लिस्ट
देवी-देवताओं की प्रतिमाएं
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां या चित्र पूजा के लिए रखें.
पूजा की चौकी
लकड़ी या पीतल की चौकी जिस पर लाल कपड़ा बिछाकर पूजा का सामान सजाया जाए.
लाल या पीला कपड़ा
देवी लक्ष्मी को चढ़ाने और चौकी ढकने के लिए.
चंदन, हल्दी और कुमकुम
तिलक और पूजा के लिए जरूरी सामग्री.
फूल और माला
देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए ताजे फूल रखें.
सुपारी और लौंग
आरती और पूजा में उपयोग के लिए.
धूप, अगरबत्ती और कपूर
घर में सुगंध और पवित्रता के लिए.
दीपक, तेल और घी
पूजा स्थल को रोशन करने और आरती के लिए.
गंगाजल और पंचामृत
देवी-देवताओं को स्नान या अभिषेक के लिए.
फल और मिठाई
नैवेद्य (भोग) के रूप में अर्पित करने के लिए.
खील और बताशे
दिवाली के पारंपरिक प्रसाद के रूप में.
सिक्के और नए वस्त्र
मां लक्ष्मी को अर्पित करने के लिए शुभ माने जाते हैं.
पान के पत्ते और अक्षत (चावल)
संकल्प और पूजा में प्रयोग के लिए.
कलश और जल
कलश स्थापना के लिए आवश्यक.
नई झाड़ू
दिवाली के दिन झाड़ू की पूजा कर घर में लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है.
कलावा (मौली)
देवी-देवताओं के हाथ में बांधने या संकल्प के समय उपयोग के लिए.
चांदी या सोने के सिक्के
धन और समृद्धि का प्रतीक.
कॉपी, पेन और दवात
बही-खाता पूजन या व्यापार आरंभ करने के लिए.
दिवाली पूजा विधि
- दिवाली के दिन सबसे पहले स्नान कर स्वयं को शुद्ध करें. स्नान के बाद लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है. फिर घर के मंदिर या पूजा स्थल को अच्छे से साफ-सुथरा कर सजाएं. चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाएं और उस पर कलश स्थापित करें. कलश में गंगाजल, सुपारी, अक्षत और सिक्का डालें.
- अब हाथ में फूल और चावल लेकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें और उनका आह्वान करें. देवी को दूध, दही, शहद, घी, तुलसी और गंगाजल के मिश्रण से स्नान कराएं. स्नान के बाद मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को वापस चौकी पर विराजमान करें. उनके माथे पर चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं तथा फूलों की माला अर्पित करें.
- इसके बाद कमल का फूल, खील-बताशे, मिठाई, फल और सिक्के भेंट करें. घी या तेल का दीपक जलाकर आरती की तैयारी करें. फिर पूरे परिवार के साथ लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें और वैदिक मंत्रों का जाप करें.
- पूजन पूर्ण होने के बाद आरती करें, शंख बजाकर पूजा का समापन करें और मां लक्ष्मी से क्षमा याचना करें. अंत में प्रसाद वितरित करें और घर के हर कोने में दीप जलाएं, ताकि लक्ष्मी जी का आशीर्वाद घर में स्थायी रूप से बना रहे.
दिवाली पर झाड़ू की पूजा क्यों की जाती है?
मान्यता है कि झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक है. दिवाली के दिन नई झाड़ू की पूजा करने से घर में दरिद्रता दूर होती है और समृद्धि आती है.
क्या दिवाली की पूजा में सोना-चांदी का प्रयोग आवश्यक है?
यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन शुभ माना जाता है। सोना-चांदी के सिक्के या आभूषण लक्ष्मी जी को अर्पित करने से धन-लाभ की संभावना बढ़ती है.
मां लक्ष्मी की पूजा कब करनी चाहिए?
लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में किया जाता है, यानी सूर्यास्त के बाद का समय सबसे शुभ माना जाता है.
दिवाली की पूजा में कौन-से फूल चढ़ाए जाते हैं?
मां लक्ष्मी को लाल कमल और लाल रंग के फूल अति प्रिय हैं, इसलिए पूजा में इन्हें चढ़ाना शुभ होता है.
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