Dhanteras 2025: हिंदू धर्म में धनतेरस के पर्व का विशेष महत्व है. यह पांच दिवसीय दीपावली उत्सव का पहला दिन होता है. इस दिन भगवान धनवंतरि, माता लक्ष्मी और मृत्यु के देवता भगवान यमराज की पूजा की जाती है. इस दिन लोग घर के लिए नई वस्तुएं खरीदते हैं. माना जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी से धन-संपत्ति में 13 गुना वृद्धि होती है. धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने का विशेष महत्व बताया गया है. ज्यादातर लोग इस दिन पीतल, तांबा और कांसे के बर्तन खरीदते हैं. आइए जानते हैं धनतेरस पर बर्तन खरीदने के पीछे छिपे धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से.
धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने के पीछे धार्मिक महत्व क्या है?
धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरि अपने हाथों में अमृत से भरा पीतल का कलश लेकर प्रकट हुए थे. तभी से इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा शुभ मानी जाती है. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है.
धनतेरस के दिन किस प्रकार के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए?
माना जाता है कि इस दिन लोहे, प्लास्टिक, स्टील और काली मिट्टी से बने बर्तन नहीं खरीदने चाहिए. इन्हें अशुभ माना जाता है.
धनतेरस के दिन कौन से बर्तन खरीदने चाहिए?
धनतेरस के दिन तांबे, कांसे और पीतल की धातु से बने बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. इन धातुओं को हिंदू धर्म में पवित्र और मंगलकारी माना गया है.
‘धनतेरस’ का अर्थ क्या है?
‘धनतेरस’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘धन’ और ‘तेरस’.
‘धन’ का अर्थ है सुख-समृद्धि, खुशहाली, यश और वैभव.
वहीं ‘तेरस’ का अर्थ है तेरह गुना.
इसी कारण कहा जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी और किया गया पुण्य तेरह गुना फल प्रदान करता है.
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