December 2025 Vrat Tyohar List: दिसंबर का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. साल के अंतिम महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनका हिंदू पंचांग में विशेष स्थान है. इसी माह से पौष मास की शुरुआत होती है, जिसे सूर्य पूजा का उत्तम समय कहा गया है. इसके साथ ही धनु संक्रांति के बाद खरमास भी आरंभ हो जाता है, जिसके चलते विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य कुछ समय के लिए रोक दिए जाते हैं. आइए जानें दिसंबर के प्रमुख पर्व और उनका धार्मिक महत्व—
दिसंबर 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहार
- 1 दिसंबर 2025, सोमवार- मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती
- 2 दिसंबर 2025, मंगलवार- प्रदोष व्रत
- 4 दिसंबर 2025, गुरुवार- अन्नपूर्णा जयंती, दत्तात्रेय जयंती व मार्गशीर्ष पूर्णिमा
- 5 दिसंबर 2025, शुक्रवार- पौष माह आरंभ
- 7 दिसंबर 2025, रविवार- अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
- 15 दिसंबर 2025, सोमवार- सफला एकादशी
- 16 दिसंबर 2025, मंगलवार- धनु संक्रांति और खरमास की शुरुआत
- 17 दिसंबर 2025, बुधवार- प्रदोष व्रत
- 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार- पौष अमावस्या
- 24 दिसंबर 2025, बुधवार- विनायक चतुर्थी
- 25 दिसंबर 2025, गुरुवार- क्रिसमस
- 27 दिसंबर 2025, शनिवार- गुरु गोविंद सिंह जयंती
- 30 दिसंबर 2025, मंगलवार- पौष पुत्रदा एकादशी
- 31 दिसंबर 2025, बुधवार- बैकुंठ एकादशी
1 दिसंबर 2025, सोमवार – मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी सभी एकादशियों में श्रेष्ठ मानी जाती है. पुराणों में वर्णित है कि इस व्रत के पालन से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पूर्व जन्मों के पापों का शमन होता है. इसी दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है. मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्धभूमि में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का दिव्य उपदेश दिया था. भक्त इस दिन गीता का पाठ करने और ध्यान साधना में लीन होने से विशेष पुण्य प्राप्त करते हैं.
2 दिसंबर – प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन संध्याकाल में शिवपूजा करने से मानसिक शांति और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
4 दिसंबर – अन्नपूर्णा जयंती, दत्तात्रेय जयंती और मार्गशीर्ष पूर्णिमा
मार्गशीर्ष की पूर्णिमा अत्यंत पवित्र मानी जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. इसी पूर्णिमा को माता अन्नपूर्णा और भगवान दत्तात्रेय की जयंती भी मनाई जाती है.
5 दिसंबर – पौष माह का आरंभ
आज से पौष महीने की शुरुआत होती है, जिसे सूर्य देव की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना गया है.
7 दिसंबर – अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
यह व्रत गणेश भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है. कहा जाता है कि इसकी उपासना से सभी विघ्न दूर होते हैं.
15 दिसंबर – सफला एकादशी
यह एकादशी मनोकामना पूर्ण करने वाली मानी गई है. विष्णु उपासना से भाग्य का उदय होता है.
16 दिसंबर – धनु संक्रांति और खरमास आरंभ
इस दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और खरमास शुरू होता है. इस अवधि में शुभ कार्य निषिद्ध रहते हैं. हालांकि, विष्णु पूजा और दान-पुण्य अत्यंत शुभ माना जाता है.
17 दिसंबर – प्रदोष व्रत
शिवभक्ति और उपवास से इच्छित फल की प्राप्ति होती है.
19 दिसंबर – पौष अमावस्या
इस दिन पितृ तर्पण और दान का विशेष महत्व बताया गया है.
24 दिसंबर – विनायक चतुर्थी
गणेश पूजा से कार्य सिद्धि और बाधाओं की समाप्ति होती है.
27 दिसंबर – गुरु गोबिंद सिंह जयंती
सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती इस दिन श्रद्धा से मनाई जाती है. देशभर में नगर कीर्तन और लंगर का आयोजन किया जाता है.
30 दिसंबर – पौष पुत्रदा एकादशी
संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए यह एकादशी अत्यंत शुभ मानी गई है.
31 दिसंबर – बैकुंठ एकादशी
यह एकादशी विष्णु भक्तों के लिए सर्वोच्च मानी जाती है. माना जाता है कि इस दिन बैकुंठ के द्वार स्वतः खुलते हैं और व्रत-पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
दिसंबर का पूरा महीना आध्यात्मिक साधना, दान, उपवास और देव आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.

