Chhath Puja 2025: छठ पूजा नहाए-खाए से शुरू होती है, इसके बाद खरना किया जाता है. शाम के अर्घ्य और अगले दिन सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है. माना जाता है की सच्चे मन से किए गए व्रत और पूजा से छठी मैया सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
छठ पूजा में क्या करें (Dos)
- नहाए-खाए से पहले पवित्र स्नान जरूर करें.
- घर और पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें.
- केवल घर में बना, शुद्ध और हल्का भोजन खाएं.
- साफ और नए कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
- उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही ठेकुआ या अन्य प्रसाद का सेवन करें.
- झूठ, द्वेष और गुस्सा से दूर रहें.
छठ पूजा में क्या न करें (Don’ts)
- प्याज, लहसुन, मांस, मछली, शराब और तम्बाकू का सेवन न करें.
- बाहर का या तला-भुना खाना न खाएं.
- बिना स्नान पूजा न छुएँ.
- पुरानी या फटी टोकरी का उपयोग न करें.
- प्रसाद ग्रहण करने से पहले कुछ न खाएं.
- मसालेदार या भारी भोजन से बचें.
- गुस्सा या कलह का माहौल न बनाएं.
छठ पूजा महत्व
छठ पूजा आस्था और विश्वास का बड़ा पर्व है. यह त्योहार सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में लोग शुद्धता, नियम और भक्ति के साथ पूजा करते हैं. नहाय-खाय से शुरू होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक हर रस्म बेहद भावनाओं से भरी होती है. बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में यह त्योहार बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है.
सबसे पहले किसने की थी छठ पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहले छठ पूजा माता सीता ने की थी, जब वे भगवान राम के साथ वनवास से लौट रही थीं. इसके अलावा कहा जाता है कि सूर्यपुत्र कर्ण ने भी छठ पूजा की थी, क्योंकि वे भगवान सूर्य के बहुत बड़े भक्त थे.
छठ पूजा कब शुरू होती है?
छठ पूजा कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की छठी तिथि से शुरू होती है और चार दिन तक चलती है.
खरना क्या होता है?
खरना व्रत का पहला भोजन है जो शाम के समय खाया जाता है. इसमें हल्का, सात्विक भोजन जैसे खिचड़ी, ठेकुआ और फल शामिल होते हैं.
छठ पूजा के दौरान घर में क्या ध्यान रखना चाहिए?
घर और पूजा स्थल की सफाई रखें, मन को शांत रखें और सभी कार्य श्रद्धा एवं पवित्रता के साथ करें.
छठ व्रत का पारण कैसे करें?
सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही ठेकुआ या अन्य प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारण करें.
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