Ahoi Ashtami Vrat 2025: अहोई अष्टमी का पावन पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं.आमतौर पर यह व्रत महिलाएं अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए करती हैं, लेकिन अब के समय में कई माताएं अपनी बेटियों के लिए भी यह व्रत करने लगी हैं.धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और रोग-कष्ट दूर होते हैं. मुख्य रूप से यह पर्व उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में मनाया जाता है.
अहोई अष्टमी के दिन व्रती को क्या नहीं करना चाहिए?
- अहोई अष्टमी के दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन भूलकर भी किसी भी प्रकार का भोजन या जल ग्रहण नहीं करना चाहिए, वरना व्रत टूट जाता है.
- माना जाता है कि व्रत वाले दिन माताओं को किसी भी प्रकार की नुकीली या धारदार वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
- अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी से संबंधित कार्य करना वर्जित माना गया है.
- कहा जाता है कि इस दिन महिलाओं को सोना नहीं चाहिए. व्रत के दौरान उन्हें जागकर भगवान का ध्यान करना चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
- व्रत का संकल्प लेने के बाद बीच में उसे तोड़ना नहीं चाहिए.
- मान्यता है कि व्रत के समय महिलाओं को न तो किसी से झगड़ा करना चाहिए, न ही अपशब्दों का प्रयोग करना चाहिए.
- इस दिन झूठ बोलना वर्जित है, क्योंकि व्रत के दौरान झूठ बोलना अशुभ माना जाता है.
- व्रत शुरू होने के बाद जब तक व्रत समाप्त न हो जाए, तब तक बिस्तर पर लेटना या बैठना उचित नहीं माना जाता.
साल 2025 में अहोई अष्टमी कब मनाया जाएगा?
पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:24 मिनट से शुरू होगी, जबकि इसका समापन 14 अक्टूबर 2025 को सुबह 11:09 मिनट पर होगा.इसलिए इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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