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Mesh Varshik Rashifal 2026: मेष राशिफल 2026 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) ज्योतिषाचार्य एवं आध्यात्मिक गुरु डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि साल 2026 में शनि मीन राशि के बारहवें भाव में रहेंगे. 25 नवंबर तक राहु कुंभ राशि के ग्यारहवें भाव में रहेंगे और उसके बाद मकर राशि के दसवें भाव में गोचर करेंगे. वर्ष के पूर्वार्ध में बृहस्पति मिथुन राशि के तीसरे भाव में रहेंगे और 2 जून को कर्क राशि के चौथे भाव में गोचर करेंगे. 31 अक्टूबर को बृहस्पति तीव्र गति से चलते हुए सिंह राशि के पांचवें भाव में प्रवेश करेंगे. इस वर्ष ग्रहों के सेनापति मंगलदेव अपनी सामान्य गति से चलेंगे. वर्ष की शुरुआत में 1 फरवरी तक शुक्रदेव अस्त रहेंगे और अक्टूबर में भी चौदह दिन अस्त रहेंगे.
Mesh Varshik Rashifal 2026: साल 2026 में मेष राशि वालों का करियर कैसा रहेगा
साल 2026 में बृहस्पति और शनि दोनों शुभ फल देंगे. वर्ष की शुरुआत आपके लिए बहुत अधिक फलदायी नहीं रहेगा, लेकिन 2 जून के बाद आर्थिक वृद्धि और पदोन्नति के योग बनेंगे. वहीं 31 अक्टूबर के बाद बृहस्पति पंचम भाव में गोचर करेंगे, उस समय आपको अपने व्यवसाय में कुछ सफलता मिलेगी. बृहस्पति और शनि के नवम भाव पर संयुक्ति दृष्टि प्रभाव के कारण आपका भाग्य आपके साथ रहेगा और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.
साल 2026 में मेष राशि वालों का रिलेशनशिप कैसा रहेगा
वर्ष की शुरुआत आपके लिए शुभ नहीं रहेगा. दूसरे भाव पर शनि की दृष्टि स्वस्थ्य पारिवारिक माहौल का संकेत नहीं दे रही है. हालांकि देव गुरु बृहस्पति तीसरे भाव में स्थित है, इसलिए आप सामाजिक गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे. साल की शुरुआत में रोमांस में नई ऊर्जा आएगी. वर्ष का पहला भाग आपके बच्चों के लिए शुभ रहेगा. अविवाहितों को आकर्षक प्रस्ताव मिलने के योग बनेंगे. हालांकि केतु के पंचम भाव में रहने के कारण संतान से संबंधित चिंता रहेगी.
साल 2026 में मेष राशि वालों का स्वास्थ्य कैसा रहेगा
साल 2026 में आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है. मौसमी बीमारियां आपको परेशान करेंगी. आप जून‑अगस्त के बीच थकान और तनाव महसूस करेंगे. बेहतर होगा कि आप अपनी दिनचर्या में अनुशासन रखें. अपने खान पान को नियंत्रित रखें और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह न रहें. 31 अक्टूबर के बाद समय अनुकूल होने लगेगा. उस समय देव गुरु बृहस्पति की दृष्टि लग्न भाव पर होगी और आपमें रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी और आप पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगे.
उपाय: हर दिन 33 बार ॐ महाकाली नमः मंत्र को श्रद्धा और एकाग्रता से जपें. शनि‑साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिये मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और शिव जलाभिषेक करें.

