29.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

केंद्र सरकार करेगी देर तो आपके नेतृत्व में ही चलेंगे दिल्ली, 1932 मुद्दे पर CM हेमंत ने राज्यपाल से कहा

राज्यहित में आप इन विधेयकों को केंद्र सरकार को भेज दें, ताकि इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव पारित कर सकें. इस पर राज्यपाल श्री बैस ने कहा कि विधेयक पर वह विधिसम्मत निर्णय लेंगे.

Jharkhand News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में मंगलवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने राज्यपाल से 1932 खतियान आधारित स्थानीयता नीति व आरक्षण सीमा बढ़ाने से संबंधित विधेयक केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजने का आग्रह किया. साथ ही कहा कि दोनों विधेयक राज्यहित के लिए जरूरी है.

राज्यहित में आप इन विधेयकों को केंद्र सरकार को भेज दें, ताकि इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव पारित कर सकें. इस पर राज्यपाल श्री बैस ने कहा कि विधेयक पर वह विधिसम्मत निर्णय लेंगे. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से देरी होगी, तो आपके नेतृत्व में ही हम सब दिल्ली चलेंगे. यह झारखंडियों के हित का सवाल है. इसको संवैधानिक कवच पहनाना जरूरी है. उन्होंने राज्यपाल को यह भी बताया कि नियोजन नीति को कोर्ट द्वारा रद्द किया जाता रहा है, इससे युवाओं में निराशा होती है.

अत: इस पर जल्द निर्णय लेने की जरूरत है. प्रतिनिधिमंडल में यूपीए घटक दलों के सभी मंत्री व विधायक शामिल थे. एनडीए का सहयोगी आजसू पार्टी के विधायक लंबोदर महतो व पार्टी पदाधिकारी देवशरण भगत भी शामिल हुए. वहीं भाजपा के विधायक अलग रहे. यूपीए से भाकपा माले, माकपा, भाकपा, झामुमो, कांग्रेस और राजद के प्रतिनिधि शामिल थे.

नियोजन नीति को लेकर युवा चिंता नहीं करें

राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कही अपनी बातें दोहरायी, जिसमें उन्होंने कहा था कि झारखंड हित की नीतियों को बिहार-यूपी के लोग कोर्ट में ले जाकर रद्द करवा देते हैं. उन्होंने कहा कि यहां के नौजवानों का यह दुर्भाग्य है, कि वह थर्ड और फोर्थ ग्रेड में भी रोजगार पाने में असफल हो रहे हैं. सीएम ने कहा कि अभी जो नीति रद्द की गयी है, हमें इस बात का अंदेशा था.

पूर्व के उदाहरण को ध्यान में रखकर हमलोग आगे बढ़ रहे थे. पर राज्य में कुछ ऐसी षड्यंत्रकारी शक्तियां हैं, जो येन केन प्रकारेण झारखंड के आदिवासी-मूलवासी के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही है. आपको आश्चर्य होगा कि हाइकोर्ट में जिन लोगों ने अपनी आपत्ति दर्ज करायी, उन 20 शिकायतकर्ता में से 19 लोग दूसरे राज्यों से संबंध रखते हैं.

दुर्भाग्य की बात है कि झारखंड की नियोजन नीति से दूसरे राज्य के नौजवानों को तकलीफ हो रही है. मुख्यमंत्री ने झारखंड के युवाओं से कहा है कि वे नियोजन नीति को लेकर चिंता नहीं करें. सात लाख बच्चों ने इस नियोजन नीति के तहत आवेदन भरा था. वे मायूस हैं. नियुक्तियों को लेकर हमलोग वैकल्पिक व्यवस्था करने में लगे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें